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कोविड टीकाकरण की प्राथमिकता हिंदुत्व दर्शन के अनुरूप है

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हिन्दू शास्त्रों में परिवार में भोजन और अन्य सुविधाओं के वितरण को लेकर स्पस्ट निर्देश मिलते है। कुटुंब में बने भोजन में से गाय और कुत्ते की रोटी पहले अलग कर दी जाती है। अर्थात समस्त जगत का चिंतन, व्यस्था की जाती है। इसके बाद गुरु, अतिथि को भोजन का निर्देश है यानी आगन्तुक की सेवा। अतिथि देवो भवः को मानते है। इसके बाद घर के बुजुर्ग और रोगी का क्रम है। इसी क्रम में बच्चों का नम्बर है। फिर गृह स्वामी गृह स्वामिनी का नम्बर अर्थाय युवा का नम्बर है। भारत हिन्दू राष्ट्र की तरफ कदम दर कदम बढ़ रहा है। कुछ अपवाद और अड़चन को छोड़ दें तो वर्तमान में टीकाकरण की प्राथमिकता इसी क्रम में दिखाई देती है। अंतर केवल इतना है कि अभी बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल नहीं हो पाया है इस लिए वे फिलहाल प्राथमिकता के क्रम में पीछे है। यह भी पढ़े- 2021 अंत तक सम्पूर्ण भारत में किस तरह होगा वेक्सिनेशन भारत सरकार इस साल जनवरी से ‘ समग्र सरकार’ दृष्टिकोण के अंतर्गत टीकाकरण में कोविड रोगियों के प्रभावी प्रबंधन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों में मदद कर रही है।कोविड के वैश्विक प्रभाव वाली एक महामारी होने