संदेश

अप्रैल, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आपकी हमारी सकारत्मकता ही कोविड महामारी से पार उतरेगी

चित्र
अमेरिका में भारत से दुगने लोगों को कोरोना हो चुका है और वहां भारत से तीन गुणा अधिक मृत्यु हुई है। ब्राजील में लगभग भारत जितने ही मामले हैं, मृत्यु भारत से ढाई गुणा ज्यादा। फ्रांस में पचपन लाख मामलों में ही एक लाख दो हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है। रूस में चालीस लाख से कुछ ज्यादा मामले हैं और मृत्यु एक लाख से अधिक हो चुकी है। ब्रिटेन में पैंतालीस लाख मामलों में ही एक लाख सत्ताईस हजार मौत हो चुकी है। यह एक छोटा सा आंकड़ा है। जो सिद्ध करता है कि महामारी से लड़ने में सभी नाकाम हैं। आज से नहीं, हमेशा हमेशा से। ध्यान रहे ये सभी देश बहुत आधुनिक और विकसित हैं। अमेरिका का भूक्षेत्र भारत से तीन गुणा बड़ा है और जनसंख्या मात्र पैंतीस करोड़। आधुनिकता में हमसे मीलों आगे है पर हाल देख लीजिए। यूरोप संपन्न है। आबादी कम है। विकसित हैं पर दुर्दशा देखिए। उसी तरह रूस और ब्राजील की स्थिति है। ये सब देश लंबे समय से विकसित हैं। एक व्यवस्था से चलने वाले देश हैं। भारत में मोदी की सरकार साढ़े छह साल पुरानी है। जिसके पास साठ वर्ष की सड़ियल लंतरानी है। अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का पहाड़ है। गद्दारों की भरमार है। इन

जाग्रत समाज ही अपना स्वत्व प्राप्त करेगा

चित्र
भारत का इतिहास भी अभारतीयों के भरोसे रहा है। इसका परिणाम यह हुआ कि हम आत्मविस्मृत अवस्था में जीने लगे। आजादी के बाद से हिन्दू गौरव के इतिहास का पुनः संकलन कार्य आरंभ हुआ। नए नए अनुसंधान प्रारम्भ हुए ,जैसे जैसे सत्य इतिहास का अनुसंधान आगे बढ़ने लगा, सत्य से साक्षात्कार होने लगा त्यों त्यों हमे अपने गौरवशाली इतिहास की जानकारी मिलने लगी। अब हिन्दू उस गौरव की पुनर्प्राप्ति के सभी मार्ग अपनाने की दिशा में भी बढ़ चला है। इसी का एक पड़ाव श्रीराम मंदिर निर्माण है। मुस्लिम आक्रमणकारियों ने भारतवर्ष के 30 हजार धर्मस्थलों को ध्वस्त किया। श्रीराम जन्म स्थल पर बनी बाबरी ढांचा इसका प्रमुख साक्ष्य रहा। ऐसे अनेक स्थल है, जिसमें से एक प्रमुख स्थल कुतुबमीनार भी है जो साफ-साफ मंदिर के मलबे से बना दिखाई देता है। उसी तरह दूसरा बड़ा स्थान काशी-विश्वनाथ मंदिर है। इस मंदिर की छाती पर बनी आलमगिरी मस्जिद भी चीख चीख कर यही सत्य दोहराती है। यह बात केवल आँख के अंधें/बुद्धि से विकलांग वामपंथियों, सुडोसेकुलरों टुकड़े टुकड़े गैंग को नज़र नहीं आती। अयोध्या राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने का फैसला जब 9 नवंबर को आ रहा