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हिंदी दिवस 2022

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आओ हम सब मिलकर के, एक अनोखा प्रण करें। जब भी बोलें हिंदी बोलें, लिखे तो हिंदी प्रयोग करें।। निज भाषा ही प्यारी भाषा, पर भाषा को त्याज्य करें। इंग्लिश जर्मन फ्रेंच अरेबिक, सब पर हिंदी ग्राह्य करें।। आओ।। अपनी माता मातृभूमि और, मातृ भाषा का मान करें। मान करें सम्मान करें बस, हिंदी में ही बात करें।।आओ।। हिंदी सोना हिंदी जगना, हिंदी का व्यापार करें। हिंदी के कंधों पर चढ़कर, विश्व गुरु हुंकार करें।।आओ।। निज भाषा सम्मान बढ़ाती, निज भाषा हम गर्व करें। निज की निजता निज भाषा में, निज विवेक विचार करें।।आओ।।

प्रिंसिपल बनना आसान नही है 01

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30 वर्ष के अध्यापन कार्य के बाद मुझे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति मिली। अध्यापन के बहुत लंबे काल के दौरान शिक्षण के मामले में मेरे जो विचार, जो धारणाएं बनी उन्होंने अब अंतिम रूप लिया। अब उन धारणाओं के साकार होने का समय आया है। इस दौरान मैनें अनेक प्रशिक्षणों में दक्ष प्रशिक्षक के रूप में कार्य किया और अनेक प्रशिक्षण मॉड्यूल, पाठ्यपुस्तक, समझपत्र, आलेख आदि के निर्माण व लेखन में सहभागी रहा। उसका भी प्रभाव मेरे शिक्षण पर सकारात्मक रूप से पड़ा।अब मैं अपनी धारणाओं को व्यवहारिक रूप देने की कोशिश में लगातार लगा रहता हूं और जितनी कोशिश करता हूं, उतना ही मेरे लिए यह स्पष्ट होता जाता है कि विद्यालय के शिक्षण कार्य का संचालन सही तभी हो सकता है, जबकि प्रिंसिपल सारे स्कूल के विचारात्मक, संगठनात्मक, आर्थिक, समाज से समन्वय, (अपने पीईईओ क्षेत्र के स्कूलों की सम्हाल) और प्रशासनिक आदि कार्यभारों को निभाने के साथ-साथ अपने कार्यों का उचित उदाहरण भी पेश करें, जब शिक्षक प्रिंसिपल के कार्य में शिक्षण कला का श्रेष्ठ उदाहरण देखते हैं, प्रिंसिपल को बच्चों के शिक्षक के रूप में देखते ह