नक्सली सप्ताह के दौरान सुरक्षा एजेंसियां सतर्क




नक्सली-माओवादी 21 सितंबर, सोमवार से अपना स्थापना सप्ताह मना रहे हैं। इस दौरान माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में माओवादी अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए कुछ घटनाओं को भी अंजाम देते रहे हैं। इसे देखते हुए माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

दरअसल 21 सितंबर 2004 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एमएल) पीपुल्स वॉर ग्रुप और कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया के विलय से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की स्थापना की गई थी।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को भारत सरकार द्वारा उसकी आतंकी गतिविधियों की वजह से आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। यही माओवादी-नक्सली लगातार प्रभावित क्षेत्रों में आतंक फैलाकर स्थानीय ग्रामीणों को अपना शिकार बनाते हैं।

माओवादी-नक्सली सप्ताह शुरू होने की वजह से सुरक्षाबलों द्वारा सर्च ऑपरेशन की भी तैयारी की गई है। नक्सल सप्ताह के दौरान माओवादी ग्रामीण इलाकों में बंद की मांग भी करते हैं। इसके अलावा इसी दौरान ग्रामीणों को संगठन से जुड़ने का दबाव भी बनाया जाता है।

माओवादी सड़क में पेड़ गिराकर, काटकर या अन्य तरीकों से मार्ग अवरुद्ध कर अपनी मौजूदगी साबित करते हैं।

हालांकि सप्ताह के पहले दो दिन इस तरह की कोई भी घटना सामने नहीं आई हैं। लेकिन ऐहतियात और बार्डर इलाके में गतिविधियों के मिल रहे इनपुट के चलते सुरक्षाबलों को अलर्ट किया गया है। लगातार सर्चिंग जारी है।

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