स्वयंसेवको का परिवार भाव ही संघ की अनन्त शक्ति

संघ की अपनी विशिष्ट कार्य पद्धति है, जो सतत 95 वर्ष से विकसित होती गई है। बहुत वरिष्ठ स्वयंसेवक कार्यकर्ता कभी कभी कहते है, संघ कार्य एक तरह से अनफोल्डिंग जैसा है, जो नित नूतन, चिर पुरातन जैसा है। इसमें चिर पुरातन जो है वह यह कि स्वयंसेवक के मन, मस्तिष्क आत्मा में राष्ट्र के प्रति अगाध श्रद्धा और दूसरे स्वयंसेवक के प्रति परिवार भाव। किंतु हाल ही में राहुल गांधी ने संघ परिवार शब्द को चर्चा में ला दिया है। वैसे तो आजकल राहुल गांधी की बातों को गंभीरता से कोई समझदार व्यक्ति नहीं लेता है। लोग उनकी ऊल-जलूल बातों को गंभीरता से लेना स्वयं की तोहीन समझने लगे हैं। ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है जो राहुल गांधी की बातों को हल्के में लेने लगे हैं। आजकल वे ट्विटर पर ट्वीट बम जैसा कुछ कुछ करने की जुगत में भी लगे हुए दिखाई देते हैं। उनके ट्वीट को ट्वीट बम कहना भी बम की तोहीन होगी। जब पालघर में दो साधुओं की पीट-पीट कर हत्या की जाती है, तो वे चुप रहते हैं। लेकिन जब किसी आसिफ को दो थप्पड़ पड़ जाते हैं तो ये उसे कई गुना बड़ा मुद्दा बना देते हैं। पादरियों पर लगे बलात्कार के असंख्य आरोपों पर वे शांत रह...