मंदिरों में आया करोड़ों का दान आखिर जाता कहाँ है?

हर न जानने वाले व्यक्ति की यही शिकायत है कि हिंदू मंदिरों मे करोड़ों दान आता है पर ये पैसा हिंदुओं के कल्याण में खर्च क्यों नहीं करते..? सत्य जानना है तो कानून क्या है पढ़िये... कड़वा अनजान सच "हिंदू धर्म दान एक्ट" 1951 "The Hindu Religious and Charitable Endowment Act of 1951” इस एक्ट के जरिए कांग्रेस ने राज्यों को अधिकार दे दिया कि वो किसी भी सनातनी मंदिर को सरकार के अधीन कर सकते हैं। इस एक्ट के बनने के बाद से आंध्र प्रदेश सरकार नें लगभग 34,000 मंदिर को अपने अधीन ले लिया था। कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु ने भी सनातनी मंदिरों को अपने अधीन कर दिया था। इसके बाद शुरू हुआ मंदिरों के चढ़ावे में भ्रष्टाचार का खेल। उदाहरण के लिए तिरुपति बालाजी मंदिर की सालाना कमाई लगभग 3500 करोड़ रूपए है। मंदिर में रोज बैंक से दो गाड़ियां आती हैं और मंदिर को मिले चढ़ावे की रकम को ले जाती हैं। इतना फंड मिलनें के बाद भी तिरुपति मंदिर को सिर्फ 7% फंड वापस मिलता है, रखरखाव के लिए। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री YSR रेड्डी ने तिरुपति की 7 पहाड़ियों में से 5 को सरकार को देने का आदेश ...