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अक्तूबर 4, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हाथरस की नक्सल_भौजी :

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ये है जबलपुर की डॉक्टर राजकुमारी बंसल जिसका इंटरव्यू पीड़िता की भाभी बताकर चित्रा त्रिपाठी अग्रवाल और प्रज्ञा मिश्रा यादव द्वारा हिंसा भड़काने के लिए लिया गया, और फरार करा दिया गया। यूपी पुलिस TUV लेकर इसे पकड़ने निकली है। इस तरह हाथरस केस में नित्य नए षडयंत्रों का खुलासा हो रहा है! कुख्यात इस्लामिक आतंकी संगठन पी.एफ.आई द्वारा विदेशी फंडिंग के माध्यम से बड़े स्तर पर दंगे भड़काने की जांच कर रही एसआईटी को पीड़िता के घर में 16 सित.से 22 सित.तक रही नक्सली महिला, जिसका इंटरव्यू चित्रा त्रिपाठी और प्रज्ञा मिश्रा द्वारा पीड़िता की भाभी बताकर लिया गया। उसके बाद वहां से फरार हो जाना कई रहस्यों को जन्म देता है! इसी बीच नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कालेज मप्र में पदस्थ प्रो.राजकुमारी बंसल दावा कर रही है कि वे एक डॉक्टर है। नक्सल से उसका कोई सम्बन्ध नहीं है। तब प्रश्न यह उठता है कि एक डॉक्टर को अपनी पहचान छुपाकर वहाँ जाने की क्या जरूरत पड़ी? मुंह ढककर बात करने की जरूरत क्यों पड़ी? कहीं संदिग्ध महिला को बचाने के लिए तो यह खेल नहीं खेला जा रहा है? भाभी बनकर पीड़ित परिवार में रही महिला का प्रियंका वा...

राजस्थान में बेख़ौफ़ होते अपराधी

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अपडेट -जैसलमेर जिले के पुलिस थाना सांगड अंतर्गत आस्था का केन्द्र देगराय मन्दिर में अज्ञात चोरों द्वारा शुक्रवार की रात चोरी का प्रयास के दौरान तिजोरी को तोड़ कर चढ़ावे की राशि को जलाने का प्रयास किया गया ।इस मामले में पुलिस ने मंदिर पहुंच जांच शुरू कर दी हैं। बाबूलाल वैष्णव को जमीन हड़पने के लिए जिंदा जला दिया गया

क्या अब जाती देखकर अपराध की गम्भीरता तय की जाने लगी है?

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यह सपोटरा क्षेत्र, करौली जिला, राजस्थान में गरीब ब्राह्मण मंदिर के पुजारी स्व. बाबूलाल वैष्णव की झोपड़ी है। इसी से उनकी आर्थिक स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा करने के लिए पेट्रोल डालकर उनकी हत्या कर दी गई। यदि हाथरस गलत था तो यह क्या है? कदाचित जाति बदल जाने से अपराध की परिभाषा बदल जाती है। तथाकथित घड़ियाली आंसू बहाने वाले इस गरीब के साथ कितने खड़े होते हैं यह देखना है। ग़रीबी खुद में एक जाति है। यह भी पढ़ें👇 हाथरस का नक्सली कनेक्शन

क्या भारत हिन्दू राष्ट्र है?

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भारत यदि एक हिंदू राष्ट्र है, तो फिर वह 70 साल से अभी तक हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं बन पाया? किसी ने जब पूछ कि 70 वर्ष  में भारत हिन्दू राष्ट्र क्यो नही बन पाया? है कोई उत्तर आपके पास? मैं पूछता हूँ क्या  आपको मनुष्य बनाये जाने की जरूरत है? नहीं न? क्यों? क्योकि, आप कहेंगे मैं तो पहले से ही मनुष्य हूँ। आप पहले से ही जो है वह बनाने की जरूरत क्या? आपको अपने व्यवहार से यह सिद्ध ही तो करना होता है कि आप मनुष्य है। मात्र कुछ व्यवस्था करनी होती है। व्यवहार महत्व रखता है। यही बात हिन्दुराष्ट्र के लिए भी है। भारत हिन्दू राष्ट्र ही है। इसे बनाने की जरूरत नहीं। हिन्दुराष्ट्र के अनुरूप कुछ व्यवस्थाएं ठीक करने की जरूरत है और यह कार्य एक धीमी प्रक्रिया के अंर्तगत ही होगा। मुख्य रूप से भारत का व्यवहार हिन्दुराष्ट्र के रूप के ही तो है। भारत के भीतर भी और बाहर भी। जैसे? हमारा उद्घोष सर्वे भवन्तु सुखिनः हर मनुष्य का जीवन व्यवहार है। हर सरकारी नीति में भी यही झलकता है। विदेश मामलों में भी यही मुख्य व्यवहार हम रखते है। क्या आपको कभी इस बात की घोषणा करनी पड़ी कि आप मनुष्य हो? नहीं न? क्योकि आप जानते हो कि आ...

हाथरस प्रदर्शन में नक्सली कनेक्शन

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हाथरस केस में एसआईटी ने बहुत बड़ा पर्दाफाश किया है और पीड़ित लड़की की नकली भाभी को खोजने के लिए जगह-जगह दबिश दी जा रही है। दरअसल जब हाथरस की लड़की को उसके ही घर घरवालों ने मारा पीटा और वह लड़की घायल हो गई, यह खबर नक्सलियों को जब लगी तब नक्सलियों ने जबलपुर की रहने वाली एक महिला जो पीएचडी है और नक्सली संगठनों से जुड़ी है। उसे 16 सितंबर को पीड़िता के घर भेज दिया और वह महिला साड़ी पहनकर घुंघट ओढ़ कर बकायदा 25 सितंबर तक उनके घर में रही उसी ने परिवार वालों को पूरा पाठ पढ़ाया और उन्हें सिखाया कि उन्हें क्या बोलना है कैसे बोलना है। बताया जाता है कि उसी ने घर वालो को सिखाया कि अगर तुम सवर्णों पर यह आरोप लगा दो तब तुम्हें करोड़ों रुपए मिलेंगे राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी यहां आएंगे। इतना ही नहीं इस नकली भाभी के नाम पर बाहर से हवाला से कई पैसे आने के ही सुबूत एसआईटी को मिले हैं। कल पीड़ित परिवार भी एसआईटी के सामने यह स्वीकार कर लिया है कि जिसे वह मृतक लड़की की भाभी बनाकर पेश कर रहे थे वह उनकी भाभी नहीं थी। मजे की बात देखी है बड़े-बड़े पत्रकार चाहे दीपक चौरसिया हो चाहे चित्रा त्रिपाठी हो सब...

कोविड 19 सावधानी हटी दुर्घटना घटी

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क्या होता है Hypoxia डॉक्टर गौरव आमेटा की कलम से_🖋️ ★ Hypoxia मतलब होता है शरीर मे oxygen की कमी ★ हमारे शरीर मे oxygen की मात्रा का प्रतीक होता है SPO2. जो नार्मल 93 से 100 तक होता है । ★सामान्यता कोई भी बीमारी हो न्यूमोनिया/ अस्थमा/हार्ट फैल/COPD सब मे ज्यादा फेफड़े खराब होने पर  SPO2  कम होता है और उसके बाद सांस में तकलीफ या सांस चलती है। इन सभी बीमारियों में SPO2 #90 से नीचे जाने से पहले ही मरीज को सांस में तकलीफ महसूस होती है और इन बीमारियों में 90 से कम SPO2 होने से पहले ही सांस में तकलीफ के कारण हॉस्पिटल पहुंच जाता है और समय पर इलाज शुरू हो जाता है । ★लेकिन COVID19 में ऐसा नही होता है और बहुत से मरीज को 90 से कम spo2 होने के बावजूद भी सांस लेने में तकलीफ नही होती,और ना ही सांस तेज होती है और सिर्फ हल्की थकावट सी महसूस होती है । इसको कहते है Happy Hypoxia और मरीज सोचता है कि बुखार जाने के बाद की कमजोरी है । ★Covid के मरीज को जब spo2 लेवल 90 से कम होने पर भी दिक्कत नही होती तो वह बीमारी को नजरअंदाज करते है क्योंकि इस समय ज्यादातर मरीज को बुखार नही होता या हल्का बुखार होता है। ★ले...

हरदिन_पावन पुण्य स्मरण

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सप्तक के प्रेरणा स्रोत पूज्यनीय पंडित महावीर प्रसाद जी शर्मा की पुण्यतिथि 9 अक्टूबर 1995 और वात्सल्यमयी आदरणीय कुंती देवी शर्मा जी की पुण्य स्मृति के अवसर पर विशेष अजमेर : उत्तर प्रदेश में टूण्डला जिले के मरसैना गांव के पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा के घर ब्राह्मण परिवार में जन्म हुआ । पढ़ाई-लिखाई की तीव्र इच्छा के कारण वहां से अपनी बहिन के पास अजमेर आ गए । यहीं पर पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में रुचि होने से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता बने और जीवन पर्यन्त रहे । संघ के प्रचारक रहे किंतु पारिवारिक स्थिति की वजह से रेलवे में अपनी सेवाएं दी । संघ पर प्रतिबंध के समय रेलवे की सेवा को छोड़कर सत्याग्रह में गए जहां 6 महीने जेल में रहे। वहां से आने के पश्चात पुन: जीवन को सुचारू किया। अंत समय तक शिक्षा एवं समाज को समर्पित रहे। अजमेर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जनसंघ, भारतीय जनता पार्टी के आधार स्तम्भ रहे। उन्होंने कई दायित्वों का निर्वाह किया एवं अपने सादगीपूर्ण जीवन से अनेकों को प्रेरणा प्रदान करी। चाटुकारिता से परे, निस्वार्थ भाव से अपने काम को करने में पूर्ण संतुष्ट होना, पद की...

गुरु शिष्य सम्बन्ध

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आज के समय में सामान्य व्यक्ति भी यह कहता है कि हमारे जमाने में आचार्य-छात्र सम्बन्ध जितने मधुर थे, वैसे आज नहीं हैं। हम अपने आचार्यों का बहुत अधिक सम्मान करते थे, कभी भी उनकी आज्ञा नहीं टालते थे। किन्तु आज तो ये सम्बन्ध बहुत अधिक बिगड़ गये हैं। अपने अध्यापक का आदर करना तो दूर, उनकी अवहेलना करना, उनके सामने बोलना तथा उनके साथ अभद्र व्यवहार करना सामान्य बात हो गई है, जो बिल्कुल अपेक्षित नहीं है। ऐसे समय में नई पीढ़ी को आचार्य और छात्रों के मध्य सम्बन्ध ऐसे क्यों हो गये हैं? कैसे होने चाहिए? दोनों के सम्बन्ध आत्मीय होना क्यों आवश्यक है? तथा ऐसे सम्बन्धों के परिणाम क्या होते हैं? इत्यादि बातों की जानकारी करवाना छात्र, आचार्य एवं देश तीनों के लिए हितकारी है। दोनों के मध्य ज्ञानसम्बन्ध हो आचार्य और छात्र के मध्य आदान-प्रदान होता है। आचार्य ज्ञान देता है और छात्र ज्ञान लेता है। शिक्षा के माध्यम से ज्ञान का आदान-प्रदान होता है। इससे ही ज्ञान परम्परा बनती है। अर्थात् ज्ञान एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तान्तरित होता है। इस प्रकार शिक्षा के माध्यम से दो पीढ़ियों में ज्ञान सम्बन्ध बनता है और ज्ञ...

अभी तो मीलों चलना है

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हार है ना जीत है न हार जीत का प्रश्न है तीर अरि प्रहार कर ले ढाल मेरी मजबूत है। राह सत्य सनातन है प्रहार नित नवीन है दिव्य ज्योति प्रदीप्त है लक्ष्य मेरा स्पष्ट है। हम चले पड़ाव किए पड़ाव दूरी बिंदु हुए पग-पग पूजित शब्द हुए राह कंटक पुष्प हुए। कदम कदम चलना है पुनर्जीवन देना है भारत माँ पुकारती अभी तो मीलों चलना है। लेखक "सागर"महेंद्र थानवी। फोटो साभार-मनु महाराज

क्या मुम्बई पुलिस बन रही है कॉरपोरेट वार का हथियार?

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मुंबई पुलिस कमिश्नर परमजीत सिंह ने अभी प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि दो छोटे चैनल्स और रिपब्लिक टीवी के खिलाफ "TRP रेटिंग मैन्युपिलेशन" का मामला दर्ज कर करवाई की जा रही है। परमजीत सिंह की प्रेस कांफ्रेंस से कुछ नतीजे निकाले जा सकते हैं। ■ मुंबई पुलिस अब "कॉरपोरेट वॉर" का टूल बन चुकी है। ■ मैन्युपिलेशन के नतीजे मुंबई में लगे सिर्फ दो हजार टीआरपी बॉक्स से निकाले गए हैं। ■ टीआरपी बॉक्स की इतनी मामूली संख्या से कई सौ करोड़ की "एडवर्टिजमेंट रेवेन्यू" को अपने पक्ष में कर लेने की बात सोचना भी मुंबई पुलिस के "दिमागी दिवालिएपन" को सार्वजनिक कर रहा है। ■ एडवरटाइजर दो-तीन सप्ताह की टीआरपी रेटिंग पर निर्णय नहीं लेते। रेटिंग में लंबे समय की स्थिरता के बाद एडवरटाइजर कोई निर्णय लेते हैं। ■ परमजीत सिंह बार-बार केवल मुंबई में लगे टीआरपी बॉक्स की संख्या का जिक्र कर रहे थे, देशभर के बॉक्स की संख्या ना बताई, ना किसी पत्रकार ने पूछा। इससे आम दर्शक को समझ आता, रेटिंग से एडवर्टिजमेंट और एडवर्टिजमेंट से रेवेन्यू खींचने में दो हजार टीआरपी बॉक्स की क्या अहमियत है ? ■ परमजीत ...

बाबा का ढाबा

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बाबा का ढाबा सोशल मीडिया ने कई लोगों की जिंदगी बनाई है। उन्हें रातोंरात स्टार बनाया है। अब एक बार फिर सोशल मीडिया की ताकत सामने आई है। दिल्ली के # मालवीय_नगर में ढाबा चला रहे 80 साल के एक गरीब बुजुर्ग श्री कांता प्रसाद जी का वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में वो खाना ना बिकने की वजह से रोते हुए दिखे।  उनके ढाबे का नाम #बाबा_का_ढाबा है। जिसे वे अपनी पत्नी के साथ मिलकर चलाते हैं। ये दंपत्ति गरीबी की मार झेल रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद बाबा के ढाबा पर लोगों की लाइन लग गई है। सेलेब्स भी बाबा का ढाबा को सपोर्ट करते हुए बुजुर्ग कांता प्रसाद जी की मदद को आगे आए हैं। बता दें कि तमाम लोगों का सपोर्ट मिलने के बाद अब बाबा का ढाबा शानदार चल रहा है। कांता प्रसाद जी का कहना है कि अब उनका ढाबा अच्छा चल रहा है।  सज्जन शक्ति कैसे काम करे, जानने के लिए पढ़ें वे 1990 से ये ढाबा चला रहे हैं। उनके ढाबे पर चाय, चावल, दाल, सब्जी, रोटी, परांठे मिलते हैं। उनका कहना है कि केवल मेरी ही नही सबकी मदद कीजिये। सोचिए, सोशल मीडिया अच्छे कार्यों के लिए उपयोग किया जाए तो कितना अच्छा हो। इसके सही उपयोग से हम कै...

लेखक कैसे बनें?? जानिए!

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एक लेखक के लिए सबसे जरूरी काम क्या है? एक अच्छा लेखक कैसे बने? क्या लेखन से धन कमाया जा सकता है? ऐसे अनेक प्रश्न आपके मन मे आते होंगे। सभी प्रश्नों का उत्तर मिल जाये यह भी आवश्यक नहीं। लेकिन महत्वपूर्ण है प्रश्न पूछना। यदि ठीक समय, ठीक मंच पर प्रश्न पूछा जाए तो वह आपकी क्षमताओं में वृद्धि करेगा। आइए जानते है कि एक अच्छे लेखक को यदि कोई एक ही सलाह देनी हो तो वह कौनसी सलाह होगी। दोस्तो लेखक के लिए सबसे आवश्यक आदत यह होनी चाहिए कि वह अधिक से आधी अध्ययन करें। पढ़ने से ही आप लेखन की तरफ बढ़ पाएंगे। इसे भी पढ़े 👇👇 विश्व की अनुभूति, ईश्वर और आप क्या आपने कभी भगवान को महसूस किया है, यदि हाँ तो कैसे और कहाँ? हां मैनें भगवान को महसूस किया है। हर पल हर समय हर जगह महसूस करता हूँ। यदि आप ... http://manumaharaj01.blogspot.com/2020/10/blog-post_6.html आप जितना पढ़ेंगे उतनी ही आपकी शब्दावली भी बढ़ती जाएगी। इसलिए प्रथम एक बात तय कर लें लेखन को जितना समय देना चाहते है उससे कमसे कम तीन गुना अध्ययन अवश्य करें। अध्ययन से न केवल शब्दकोश बढ़ेगा बल्कि वाक्यविन्यास, मुहावरे, लोकोक्तियों का प्रयोग करने का सामर्थ्य ...

किसी ने पूछा निराशा क्या?

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क्या आपके साथ आज कोई ऐसी घटना हुई है जिससे आप काफी निराश है? जीवन में अब तक मुझे कभी निराशा ने नहीं घेरा। इस लिए मैं नही जानता कि निराशा होती क्या है। हर पल अच्छा होने की आशा जरूर रहती है ओर इसी से अंदाजा लगाता हूँ कि इसका विपरीत भाव शायद निराशा कहलाता होगा। सफलता / असफलता यह निरन्तर होता रहता है। लेकिन किसी भी परिस्थिति में अच्छा होगा, कभी न कभी सफलता मिल जाएगी, थोड़ा अधिक प्रयास करते है ऐसे विचार चलते रहते। साथ ही यह भाव भी बना रहता है कि बस यह रही एक हाथ की दूरी पर सफलता अभी मिल ही जाएगी। इस आशा से निरन्तर कर्म रत रहता हूँ। इसलिए कहता हूं। निराशा का भाव / विचार क्या है? मैं नही जानता। आप ही कुछ जानते हों तो मुझे अवश्य बताइएगा। 🙏 इसे भी पढ़िए क्या था ऑपरेशन पोलो? किसी बच्चे की हरकतों को निहारिये। आप समझ जाएंगे कि निराशा कुछ होती ही नहीं है।

""रावण""

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सागर महेंद्र थानवी रावण बनकर घूम रहा हूँ, अपने मन से तौल रहा हूँ। नकली राम जो बन बैठे है, उनको साथी मान रहा हूँ। गिद्ध,भेड़िए,पागल कुत्ते मनुज देह में देख रहा हूँ माँ दुर्गा के पांडालों में, उघड़े तन मैं देख रहा हूँ। बाला संग विधर्मी नाचे, घोर पाप मैं देख रहा हूँ। रिश्वत,चोरी और नशे का, नंगा नाच मैं देख रहा हूँ। छल,कपट,मक्कारी ओढ़े, ऐसे रावण देख रहा हूँ। अपने ही जलते पुतलों में, लोक-रंजन देख रहा हूँ। "सागर"किसमे राम देखूँ, रावण बनकर घूम रहा हूँ। ("सागर"महेंद्र थानवी)

सामाजिक सौहार्द्र एवं समरसता को भंग करती राजनीति

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चित्र साभर गूगल हाथरस में हुई घटनाओं के संदर्भ में जाँच एजेंसियों के खुलासे ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। जो तथ्य निकलकर सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। दरअसल हाथरस के बहाने देश भर में दंगे कराने की साज़िशें रची गई थीं। जिस तरह अमेरिकी अश्वेत नागरिक  जार्ज फ्लॉयड  की मृत्यु के पश्चात दंगे भड़काए गए थे, कुछ उसी तर्ज़ पर उत्तरप्रदेश में भी दंगों को अंजाम देने की गुप्त योजनाएँ बनाई गई थीं। जानकारी के अनुसार इसके लिए विदेशों मुख्यतः इस्लामिक देशों से फंडिंग की गई थी। विरोध-प्रदर्शन की आड़ में आनन-फ़ानन में 'जस्टिस फ़ॉर हाथरस' नाम की वेबसाइट बनाई गई। इसके माध्यम से भ्रामक, भड़काऊ एवं आपत्तिजनक सामग्रियाँ प्रचारित-प्रसारित की गईं। जाँच एवं सुरक्षा एजेंसियों को इसमें  पीएफआई  एवं एसडीपीआई जैसे कट्टरपंथी संगठनों की संलिप्तता के ठोस संकेत मिले हैं। उनकी तैयारी एवं योजनाओं का आकलन इसी आधार पर किया जा सकता है कि वेबसाइट पर सविस्तार यह बताया गया था कि दंगों के दौरान प्रदर्शनकारियों को क्या-क्या करना है और क्या-क्या नहीं करना है। दंगाइयों के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों को पढ़कर उनकी मंशा एवं नी...

प्रकृति को नष्ट कर व्यक्तिगत लाभ हमारा दर्शन नही है: डॉ भागवत

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डॉ भागवत कार्यक्रम के दौरान कोटा, 6 अक्टूबर। हमें संपूर्ण ब्रह्मांड का पोषण करने वाला कृषि का आधार बनाना चाहिये। यही हमारी संस्कृति है। कृषि व्यापार करने का साधन मात्र नहीं है, हमने कृषि को वैभव की देवी लक्ष्मी की आराधना के रूप में देखा है। कृषि किसान का धर्म है, कृषि कर्म ही उसका धर्म है। यह केवल आजीविका का साधन नहीं है। कृषि समाज जीवन के लिए आवश्यक कार्य है। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ मोहनराव भागवत ने मंगलवार को श्रीरामशांतिता सत्तार स्वामी विद्या निकेतन में बोलते हुए कही। वे भारतीय किसान संघ की ओर से आयोजित श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जन्मशताब्दी वर्ष समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में गऊघाट आश्रम के संत निरंजननाथ अवधूत, राष्ट्रीय अध्यक्ष आईएन वस्वेगौड़ा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, प्रदेश अध्यक्ष मनिलाल लबाना भी मंच पर मौजूद रहे। इससे पहले डाॅ भागवत ने भगवान बलराम, भारत माता, हल, गौ का पूजन और कृषि माडल का अवलोकन किया। डाॅ भागवत ने कहा कि कृषि उपज के मूल्य बढ़ाने के कई उपाय हैं, जो भारतीय पद्धति है उसे हमें अपनाना चाहिए। हम प्रकृति को...

विदेशी अंशदान (नियमन) कानून (एफसीआरए) में बदलाव

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एफसीआरए का फुल फॉर्म “Foreign Contribution Regulation Act” होता है, जिसे हिंदी भाषा में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम कहा जाता है। जिस एनजीओ (NGO) या समाज सेवी संस्था को यह FCRA में पंजीयन प्राप्त हो जाता है तो वह विदेशी अंशदान भी प्राप्त कर सकते हैं। एक निश्चित सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षणिक, धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम के लिए अंशदान लिया जा सकते है। देश में धर्मान्तरण, नक्सली गतिविधियां विकृत संस्कृति फैलाने जैसे राष्ट्रविरोधी कार्यों में संलग्न गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) विगत 70 वर्षो से सता का संरक्षण पाकर फल- फूल रहे थे! वर्तमान सरकार ने इनकी संदिग्ध गतिविधियों पर अंकुश लगाने,विदेशों से प्राप्त चंदे की राशि में पारदर्शिता लाने के लिए किये संशोधन अब किसी भी एनजीओ के पंजीकरण के लिए पदाधिकारियों के आधार नंबर जरूरी होंगे और लोक सेवक के विदेशों से रकम हासिल करने पर पाबंदी होगी। विदेशी कोष का 20 प्रतिशत से ज्यादा प्रशासनिक खर्चे में इस्तेमाल नहीं होगा! राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाली गतिविधियों पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार ने इसके अलावा भी अहम बदलाव किए हैं। जिनमें विदेश से प्...

कभी देश को सत्य के मार्ग पर चलाने वाली कांग्रेस स्वयं गुमराह

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बीच बचाव करती पुलिस समाज में अलगाव पैदा करने की सजा ही है कि आपस मे सिर फुटौवल चल पड़ी। हिंदु समाज में अलगाव पैदा करने का सुनहरा अवसर (हाथरस कांड) पर कांग्रेस और भीम आर्मी अपनी-अपनी राजनीति चमकाने की जुगत में लगे हैं। इसी क्रम में कई जगहों से हिंसा की खबरें भी सामने आ रही है। मुंबई से 5 अक्टूबर, 20 का एक वीडियो वाॅयरल हो रहा है, जिसमें प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसी आपस में ही जूतमपैजार हो रहे हैं! कोई किसी का कॉलर पकड़ कर मार रहा है, तो कोई घूँसा चला रहा है। वहीं कुछ लोग छुड़ाने का प्रयास भी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच यह जूतमपैजार इस बात को लेकर हुई कि बैनर कौन पकड़ेगा। इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स इसके खूब मजे ले रहे हैं और इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। ज्योति खाड़े नाम की एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि पप्पू के कार्यकर्ता पप्पू को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। वहीं एक यूजर ने लिखा, “प्रोटेस्ट में प्रोटेस्ट।” एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, क्या बात है। शायद इसलिए कर रहे हैं कि आने वाले समय में उन्हें ये मौका दोबा...