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क्या आप जानते है कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का पैतृक घर किस भारतीय ने खरीदा?

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देश-विदेश में विलक्षण कारनामें के लिए प्रसिद्ध पंजाबी पूरी दुनिया में छाए हुए है। ऐसा ही एक और कारनामा करते हुए सिख नेता सुखदेव सिंह कंग ने ऑल इंडिया कांग्रेस की प्रधान सोनिया गांधी का पैतृक घर खरीद कर सबको हैरान कर दिया है। आओ सही इतिहास जानें इस संबंध में बातचीत करते सुखदेव सिंह कंग ने कहा कि कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी का इटली स्थित जिस घर में जन्म और पालन पोषण हुआ है, उस घर को आज भी लोग देश-विदेश से बड़ी तादाद में देखने के लिए पहुंचते हैं क्योंकि उनकी बचपन से लेकर जवान होने तक की यादें इस घर के साथ जुड़ी हुई हैं। कंग ने कहा कि सोनिया गांधी का घर ख़रीदना मेरे लिए सौभाग्य वाली बात है और इस घर का सारा समान पहले की तरह ही लोगों के देखने के लिए रहने दिया जाएगा जिसमें कोई तबदीली नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह घर खरीदने के बाद मुझे देश-विदेश से कई प्रसिद्ध हस्तियों की तरफ से लगातार बधाई मिल रही हैं।

आओ सही इतिहास जानें: वीरों/वीरांगनाओं की शौर्य गाथा

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महाराणा सांगा राणा संग्राम सिंह सिसोदिया, जिन्हें हम राणा सांगा के नाम से जानते हैं। १६वीं शताब्दी (16th Century) के सबसे शक्तिशाली मेवाड़ी शासक थे। इनकी शौर्य गाथा पर मेवाड़ी आज भी गर्व महसूस करते हैं। राणा सांगा को भारतीय इतिहास के महानायक तथा वीर के रूप में, देशभक्तों द्वारा हमेशा याद किया जाएगा। तो आइए जानते हैं उनके बारे में। ● कौन थे राणा संग्राम सिंह सिसोदिया? महाराणा संग्राम सिंह, उदयपुर में सिसोदिया राजवंश के राणा रायमल के सबसे छोटे सुपुत्र थे। कुंवर पृथ्वीराज और जगमाल, राणा सांगा के भाई थे। एक दिन भविष्यकर्त्ता ने राणा रायमल से कहा कि आपका यह बेटा (राणा सांगा) मेवाड़ का सबसे प्रसिद्ध शासक बनेगा और अपनी वीरता के लिए इतिहास में याद रखा जायेगा। सांस्कृतिक राष्ट्रभाव की और कदम बढ़ाते हिन्दू यह सुनकर कुंवर पृथ्वीराज व जगमाल अपने भाई राणा सांगा को मारने के लिए षड्यंत्र रचने लगे ताकि राणा सांगा को सत्ता के रास्ते से हटाया जाए। परंतु सांगा को इस बात की भनक लग गई और वो किसी प्रकार राजधानी से बचकर अजमेर पलायन कर गए। कुछ समय अजमेर में बिताने के पश्चात सन् 1509 में अजमेर के कर्मचन्द पंवार क...

क्या आप जानते है, दवाई के पत्तों में बीच में खाली जगह क्यों होती है?

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कई बार जब हम मेडिकल शॉप पर दवाइयां खरीदने जाते हैं तो कुछ दवाई के पत्तों के बीच खाली जगह होती है। जब यहाँ दवाइयां नहीं होती है तो भला ये जगह क्यों खाली रखी जाती है, ये सवाल हम में से बहुत लोगों के दिमाग में आता होगा। आज हम आपको इसी सवाल का जवाब बताने जा रहे हैं। जूनागढ़ रियासत भारत में कैसे शामिल हुई? दरअसल दवाईयों के बीच होने वाली खाली स्पेस दवाइयों के केमिकल को आपस मे मिलने से रोकती है। ये बात आप शायद नहीं जानते हों कि ये कैमिकल आपस में रिएक्शन कर सकते हैं और इस से दवाइयां खराब हो जाती है। इसलिए इन दवाइयों को खराब होने से बचाने के लिए ये जगह खाली छोड़ी जाती है। इस से ये दवाइयां सुरक्षित रहती है। इसी स्पेस की वजह से हम पत्तों को आसानी से काट भी लेते हैं।  इन 5 कारणों से फोन होता है स्लो चार्ज दवाइयों को एक जगह से दूसरी जगन पहुंचाने के लिए भी यह स्पेस काम आता है। ये एक तरह से कुशनिंग इफेक्ट की तरह काम करती है। इन खाली स्पेस से दवाइयां पैकेजिंग मशीन में भी नहीं फंसती है।  डॉ भाभा भी हुए थे सुभाष चन्द्र बोस की तरह किसी षड्यंत्र का शिकार? इसका एक कारण यह भी है कि इस से ...

जूनागढ़ रियासत पाकिस्तान के बजाय भारत में कैसे शामिल हुयी, जानिये 7 बातें

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आज हम इतिहास की किताबों में दबा एक ऐसा वाकया लेकर आये हैं. जो शायद कम ही लोगों का पता होगा. दरअसल हम उस चुनाव की बात कर रहे हैं. जो अगर न होता तो शायद आज गुजरात का एक मह्त्वपूर्ण हिस्सा हमारे पास नहीं पाकिस्तान के पास होता. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की तरफ बढ़ता हिन्दू समाज ये बात उस समय की है जब साल 1948 में भारत के लोगों ने पहली बार वोट डालकर जूनागढ़ रियासत को पाकिस्तान की बजाय भारत का हिस्सा चुना था. ऐसा कहा जाता है कि जूनागढ़ के नवाब महाबत खान नहीं चाहते थे कि जूनागढ़ भारत का हिस्सा बने. जबकि बंटवारे के कुछ समय बाद ही सरदार पटेल ने रियासतों को भारत में विलय करवाने का बीड़ा अपने हाथ में उठा रखा था. ऐसी भी बातें हैं कि मोहम्मद अली जिन्ना ने जूनागढ़ के नवाब महाबत खान को जूनागढ़ को पाकिस्तान में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था. महाबत खान की ना नुकुर की वजह से इंडियन आर्मी ने 9 नवंबर 1947 में जूनागढ़ में घुसकर कब्जा कर लिया था. कोरोना मुक्ति के लिए जन आंदोलन समय की मांग, क्या करें? इसके कुछ समय बाद ही जूनागढ़ में 20 फरवरी 1948 को वोटिंग हुयी. आपको बता दें कि ये चुनाव का आजाद भारत का पहला चुना...

इन 5 कारणों से होता है आपका स्मार्ट फोन स्लो चार्ज, कहीं आप भी तो यही गलती नहीं करते है?

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एंड्रॉइड स्मार्टफोन आने से पहले मोबाइल फोन सिर्फ कॉल करने या मैसेज करने तक ही सीमित थे लेकिन अब लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं। आजकल नई टेक्नोलॉजी वाले स्मार्टफोन बाजार में आ चुके हैं जोकि फास्ट चार्जिंग से लैस हैं। लेकिन अक्सर लोग अपने स्मार्टफोन के स्लो चार्ज होने से परेशान रहते हैं। स्मार्टफोन के स्लो चार्ज होने के पीछे भी कई कारण होते हैं जिन पर जल्दी से ध्यान नहीं जाता, अगर आपका स्मार्टफोन भी स्लो चार्ज होता है तो यहां हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप भी अपने स्मार्टफोन को फास्ट चार्ज कर सकते हैं। पाएंगे। 1. ऑरिजिनल चार्जर का करें यूज स्मार्टफोन चार्ज करते समय हमेशा ओरिजिनल चार्जर का इस्तेमाल ही करते हैं, मार्किट में मिलने वाले नकली और सस्ते चार्जर का इस्तेमाल बिलकुल न करें, ऐसा करने से स्मार्टफोन के फटने के चांस भी बहुत ज्यादा रहते हैं साथ स्मार्टफोन के खराब होने का खतरा। होने का भी खतरा रहता है। 2. बैक कवर हटाकर चार्ज करें हम सभी अपने स्मार्टफोन को सेफ रखने के लिए फोन पर बैक-कवर लगाते हैं लेकिन शायद आप नहीं जानते हैं कि बैक-कवर लगाकर फोन ...