क्या अब जाती देखकर अपराध की गम्भीरता तय की जाने लगी है?




यह सपोटरा क्षेत्र, करौली जिला, राजस्थान में गरीब ब्राह्मण मंदिर के पुजारी स्व. बाबूलाल वैष्णव की झोपड़ी है। इसी से उनकी आर्थिक स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा करने के लिए पेट्रोल डालकर उनकी हत्या कर दी गई।
यदि हाथरस गलत था तो यह क्या है? कदाचित जाति बदल जाने से अपराध की परिभाषा बदल जाती है। तथाकथित घड़ियाली आंसू बहाने वाले इस गरीब के साथ कितने खड़े होते हैं यह देखना है।
ग़रीबी खुद में एक जाति है।

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