हाथरस की नक्सल_भौजी :






ये है जबलपुर की डॉक्टर राजकुमारी बंसल जिसका इंटरव्यू पीड़िता की भाभी बताकर चित्रा त्रिपाठी अग्रवाल और प्रज्ञा मिश्रा यादव द्वारा हिंसा भड़काने के लिए लिया गया, और फरार करा दिया गया।

यूपी पुलिस TUV लेकर इसे पकड़ने निकली है।


इस तरह हाथरस केस में नित्य नए षडयंत्रों का खुलासा हो रहा है! कुख्यात इस्लामिक आतंकी संगठन पी.एफ.आई द्वारा विदेशी फंडिंग के माध्यम से बड़े स्तर पर दंगे भड़काने की जांच कर रही एसआईटी को पीड़िता के घर में 16 सित.से 22 सित.तक रही नक्सली महिला, जिसका इंटरव्यू चित्रा त्रिपाठी और प्रज्ञा मिश्रा द्वारा पीड़िता की भाभी बताकर लिया गया। उसके बाद वहां से फरार हो जाना कई रहस्यों को जन्म देता है! इसी बीच नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कालेज मप्र में पदस्थ प्रो.राजकुमारी बंसल दावा कर रही है कि वे एक डॉक्टर है। नक्सल से उसका कोई सम्बन्ध नहीं है। तब प्रश्न यह उठता है कि एक डॉक्टर को अपनी पहचान छुपाकर वहाँ जाने की क्या जरूरत पड़ी?
मुंह ढककर बात करने की जरूरत क्यों पड़ी?
कहीं संदिग्ध महिला को बचाने के लिए तो यह खेल नहीं खेला जा रहा है?
भाभी बनकर पीड़ित परिवार में रही महिला का प्रियंका वाड्रा से गले मिलना भी रहस्यों को जन्म दे रहा है? 

-गंगा सिंह राजपुरोहित


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