क्या भारत हिन्दू राष्ट्र है?



किसी ने जब पूछ कि 70 वर्ष  में भारत हिन्दू राष्ट्र क्यो नही बन पाया?

है कोई उत्तर आपके पास?

मैं पूछता हूँ क्या  आपको मनुष्य बनाये जाने की जरूरत है?

नहीं न? क्यों?

क्योकि, आप कहेंगे मैं तो पहले से ही मनुष्य हूँ।

आप पहले से ही जो है वह बनाने की जरूरत क्या?

आपको अपने व्यवहार से यह सिद्ध ही तो करना होता है कि आप मनुष्य है।

मात्र कुछ व्यवस्था करनी होती है। व्यवहार महत्व रखता है।

यही बात हिन्दुराष्ट्र के लिए भी है। भारत हिन्दू राष्ट्र ही है। इसे बनाने की जरूरत नहीं। हिन्दुराष्ट्र के अनुरूप कुछ व्यवस्थाएं ठीक करने की जरूरत है और यह कार्य एक धीमी प्रक्रिया के अंर्तगत ही होगा। मुख्य रूप से भारत का व्यवहार हिन्दुराष्ट्र के रूप के ही तो है। भारत के भीतर भी और बाहर भी।

जैसे?

हमारा उद्घोष सर्वे भवन्तु सुखिनः

हर मनुष्य का जीवन व्यवहार है। हर सरकारी नीति में भी यही झलकता है। विदेश मामलों में भी यही मुख्य व्यवहार हम रखते है।


क्या आपको कभी इस बात की घोषणा करनी पड़ी कि आप मनुष्य हो?

नहीं न? क्योकि आप जानते हो कि आप मनुष्य हो। जो आप जानते हो उसकी घोषणा की जरूरत ही नहीं।


फिर भारत को केवल यह एहसास रहे कि वह हिन्दू राष्ट्र है। यह एहसास बनाये रखने की आवश्यकता है। घोषणा करने की आवश्यकता नहीं।



इसे भी पढ़िए 👇👇

हिन्दू राष्ट्र में गुरु शिष्य सम्बन्ध कैसे हों?

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जलते पुस्तकालय, जलती सभ्यताएं

करपात्री महाराज ने इंदिरा गांधी को क्यों श्राप दिया?

संघ नींव में विसर्जित पुष्प भाग १