डूबती नैया के अनाड़ी खेवनहार: हाथरस के पर्यटक





1947 में सत्ता हस्तांतरण के बदले देश का विभाजन स्वीकार करने वाली कांग्रेस इस बात को अच्छी तरह से जानती है कि राहुल के रहते उनका राजनीतिक सूर्य अस्त होना तय है।

इसलिए भारतीय समाज को दलित-स्वर्ण में बांटकर कांग्रेस अपनी खीझ मिटा रही हैं!

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें राहुल, प्रियंका हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने जाते समय ठहाके लगाते हुए दिख रहे हैं। जिससे इनकी दलित परिवार के प्रति संवेदनशीलता की असलियत प्रकट हो रही है!

हालांकि राहुल, प्रियंका भारतीय तीज त्यौंहार, सभ्यता-संस्कृति से पूरी तरह अनभिज्ञ है एवं भारतीय त्यौहारों से दूरी भी बनाकर रखते हैं। लेकिन उनके सलाहकारों में तो इतनी समझ होनी चाहिए कि उन्हें बताएं कि कहीं भी मातम/शोक प्रकट करने जाते हैं, तो चेहरे पर सांत्वना के भाव होने ही चाहिए। लेकिन हाथरस की बेटी के लिए ग़म और शोक मनाने निकले
राहु़ल, प्रियंका गाड़ी में जिस तरह हँसी-ठहाके लगाते और मस्ती करते जा रहे थे, उससे यही प्रकट होता है कि दरअसल ये ख़ुशी यूपी में नफरत की आग फैलाने में सफल होने की है।

गया के पूर्व-सांसद और महादलित नेता हरिमाँझी ने राहुल, प्रियंका को ललकारते हुए कहा हैं कि ठहाका लगाकर दुःख बाँटने हाथरस जाने वालों को हक़ नहीं हैं कि हम दलित हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करें।
-गंगा सिंह राजपुरोहित

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