डूबती कांग्रेस के बिलबिलाते चाटुकार




विकल्पहीनता के चलते देशवासी न चाहते हुए भी विदेशी सोनिया माईनो के संगठन को ढ़ोते रहे थे। राजनैतिक, बौद्धिक रूप से सर्व सामर्थ्यवान वर्ग भी सता की मलाई के लालच में प्रतिपल अपमानित होकर भी सोनिया, राहुल एवं प्रियंका के चरण चाटुकार बनकर उनकी झूठी जय जयकार कर अपना हेतु सिद्ध करते रहे! 

लेकिन अब कांग्रेस राजनीतिक रूप से मरणासन्न स्थिति में पहुंच गई है। उसकी असहाय स्थिति का फायदा उठाकर कपिल सिब्बल जैसे थूककर चाटने वाले चाटुकारों में भी बोलने का साहस पैदा हो गया है! बिहार सहित अन्य राज्यों के उपचुनावों में कांग्रेस की दुर्गति पर आंसू बहाते हुए सिब्बल जैसा चापलूस विलाप कर रहा है। उसका कहना है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी में लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं होने के कारण वर्किंग कमेटी में शामिल सदस्य बोलने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं! सत्य तो है लेकिन देरी से बोला गया है।


ढोंगी (कपिल सिब्बल) कह रहा हैं, कि जब पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस पार्टी ने आत्ममंथन नहीं किया तो अब कौन आशा करे कि वो ऐसा करेगी। सत्य भी है संगठनात्मक रूप से पार्टी में क्या गड़बड़ी है, ये सभी को पता है। इसका जवाब भी सबके पास है। यही नहीं कांग्रेस नेतृत्व भी जानता है। लेकिन वो इसे स्वीकार नहीं करेंगे। सोनिया के कहने से हमेशा अलगाव वादियों, देशद्रोहियों के बिना शुल्क केस लड़ने वाला ढोंगी सिब्बल यह कहते हुए खून के आंसू बहा रहा हैं। लेकिन उसका कहना की सिब्बल जैसे चाटुकारों के मन की बात पर ध्यान नहीं दिया गया तो कांग्रेस पार्टी का ग्राफ यूँ ही गिरता चला जाएगा? इससे पहले 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा सोनिया माईनो को लिखे पत्र में इस ढोंगी ने भी हस्ताक्षर किये थे। लेकिन नेतृत्व के सख्त होते ही सबसे पहले पीठ दिखाने वाला सिब्बल आज फिर बिलबिला रहा है,तो निश्चित मानिये कांग्रेस के अंतिम संस्कार के दिन आ गए हैं!
गंगासिंह

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