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अभी तो हिंडनबर्ग का पतन हुआ है, आगे और भी बाघड़बिल्ले धराशाही होंगे

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हिंडनबर्ग का पतन: भारत के विकास को रोकने का षड्यंत्र और इसका वैश्विक परिदृश्य हिंडनबर्ग ने अपना कारोबार समेट लिए। कम्पनी बंद हो रही है। क्या आप जानते है 2017 में बनी थी यह कम्पनी। कम्पनी यह कहकर बंद की जा रही है कि उनका अब नए आइडिया नही आ रहे है। है न अविश्वसनीय?  यह वही संस्था है जिसने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ एक विवादास्पद रिपोर्ट जारी की थी, जिसके बाद भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता आई और भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को बाधित करने की कोशिशें तेज हुईं। इस घटनाक्रम ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है—क्या यह भारत की प्रगति को रोकने का सुनियोजित षड्यंत्र था? एक तरफ जॉर्ज सोरोस के इशारे पर कम्पनी रिपोर्ट जारी करती है दूसरी तरफ भारत में बैठे सोरोस के एजेंट संसद ठप कर देते है। उदानी पर हमले का बड़ा संदर्भ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और उसके बाद की घटनाओं को केवल व्यापारिक विवाद तक सीमित नहीं देखा जा सकता। यह हमला भारत की इन्फ्रास्ट्रक्चर योजनाओं पर था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नेतृत्व में गति दी है। अडानी जैसे उद्योगपतियों का उभार, भारत के आत्मनिर्भर भारत अभिय...