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जनवरी 26, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नक्सलियों के गढ़ में अब लहराएगा तिरंगा

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नक्सलियों के गढ़ में गणतंत्र दिवस की खुशी, जवानों ने उतार फेंके नक्सल झंडे; अब लहराएगा तिरंगा बस्तर में नक्सलियों के सबसे मजबूत आधार क्षेत्र में सुरक्षा बल ने पिछले एक माह में 15 नए कैंप खोलकर नक्सलियों के झंडे उतार फेंके हैं और अब वहां गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने की तैयारी की जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के उन्मूलन के लिए मार्च 2026 का लक्ष्य तय किया है, जिसे पूरा करने के लिए सुरक्षा बल ने अब अबूझमाड़ में नक्सल विरोधी अभियान को तेज कर दिया है। तेलंगाना सीमा पर वाटेवागु में पिछले वर्ष 20 दिसंबर को नया कैंप खोला गया। क्या बोले ग्रामीण? ग्रामीण सुक्का कहते हैं कि गांव में गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस के पहले नक्सली नेता तिरंगा फहराने पर मौत का फरमान जारी करते थे। इस दिन नक्सली लोकतंत्र के विरोध में काले झंडे फहराते थे। अब सुरक्षा बल के आने के बाद जवानों ने ग्रामीणों को 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाने के लिए बुलाया है। वहीं, एक अन्य ग्रामीण वेको ने बताया कि सुरक्षा बल के आने के बाद नक्सली गांव छोड़कर दूर चले गए हैं। बता दें कि तेलंगाना से सटा छत्तीस...

विश्व के लिए प्रेरक है भारतीय संविधान

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विश्व के लिए प्रेरक है भारतीय संविधान  – डॉ. सौरभ मालवीय भारत एक विशाल एवं विभिन्न संस्कृतियों वाला देश है। यहां विभिन्न संप्रदायों, पंथों एवं जातियों आदि के लोग निवास करते हैं। उनके रीति-रिवाज, भाषाएं, रहन-सहन एवं खान-पान भी भिन्न-भिन्न हैं। तथापि वे आपस में मिलजुल कर प्रेमभाव से रहते हैं। वास्तव में यही भारत का मूल स्वभाव है। भारतीय संविधान में भारत के नागरिकों को छह मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं, जिनका वर्णन अनुच्छेद 12 से 35 के मध्य किया गया है। इनमें समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा से संबंधित अधिकार एवं संवैधानिक उपचारों का अधिकार सम्मिलित है। उल्लेखनीय है कि पहले संविधान में सात मौलिक अधिकार थे, जिसे ‘44वें संविधान संशोधन-1978’ के अंतर्गत हटा दिया गया। सातवां मौलिक अधिकार संपत्ति का अधिकार था। मूल अधिकार का एक दृष्टांत है- “राज्य नागरिकों के बीच परस्पर विभेद नहीं करेगा।” भारतीय संविधान में भी किसी के साथ किसी भी प्रकार का भेद नहीं किया जाता। यही इसकी विशेषता है। वास्तव में इन मूल अधिकारों के कार...

दिव्य-भव्य महाकुंभ: भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का वैश्विक प्रदर्शन

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रयागराज महाकुंभ को एक नए आयाम पर ले जाया गया है। यह आयोजन न केवल धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अद्वितीय है, बल्कि यह भारत की प्राचीन संस्कृति और सनातन परंपरा की शक्ति का वैश्विक मंच पर प्रदर्शन भी है। वैश्विक राजनयिकों की भागीदारी 73 देशों के राजनयिकों की भागीदारी इस आयोजन की विशेषता को और बढ़ा देती है। इनमें अमेरिका, रूस, यूक्रेन, बांग्लादेश जैसे देश शामिल हैं, जो परस्पर विरोधी विचारधाराओं के बावजूद एक साथ संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने को तत्पर हैं। रूस और यूक्रेन जैसे देशों के राजदूतों का एक साथ आना, उनके बीच शांति और संवाद की एक नई पहल को प्रेरित करता है। यह दर्शाता है कि भारत अपनी आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत के माध्यम से दुनिया को शांति और सौहार्द्र का संदेश देने में सक्षम है। धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक महाकुंभ न केवल धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक है, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों, विचारधाराओं और परंपराओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने का एक म...

हमें समर्पण की भावना से विश्व का मार्गदर्शन करना है – डॉ. मोहन भागवत जी

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हमें समर्पण की भावना से विश्व का मार्गदर्शन करना है – डॉ. मोहन भागवत जी मुंबई. गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि "पूरा विश्व भारत से नेतृत्व करने की अपेक्षा कर रहा है। भारत को यहां तक पहुंचाने के लिए कई लोगों ने स्वयं को समर्पित कर दिया है। हमें समर्पण की भावना से दुनिया का मार्गदर्शन करना होगा। आज हम भारतीयों को राष्ट्र और समाज के प्रति समर्पित होकर काम करना चाहिए।" "समर्पण की भावना के माध्यम से हम भारत को विश्व गुरु के स्थान पर पहुंचा पाएंगे। आने वाली पीढ़ी इसी मार्ग पर चलेगी और भारत को विश्व में गौरवशाली बनाएगी, ऐसा मेरा विश्वास है।" पद्मश्री अन्नासाहब जाधव भारतीय समाज उन्नति मंडल, भिवंडी द्वारा 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में सरसंघचालक जी ने विद्यालय परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया । उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "भारत आगे बढ़ रहा है, प्रगति कर रहा है, दुनिया में अग्रणी बन रहा है, जिससे उसकी सामरिक शक्ति भी बढ़ रही है। ये सब अन्नासाहब जाधव जैसे ...