संघ कुछ नहीं करेगा, स्वयंसेवक कुछ न छोड़ेगा
संघ कुछ नहीं करेगा, स्वयंसेवक कुछ न छोड़ेगा फोटो साभार गूगल गाहे बगाहे हर स्वयंसेवक एक वाक्य को बोलता सुनता है वह यह कि संघ कुछ नहीं करेगा, स्वयंसेवक कुछ न छोड़ेगा। वास्तव में क्या है यह? इसके पीछे कौनसा विचार काम करता है? वास्तव में यह कथन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की कार्यशैली और उसके मूल सिद्धांतों को सारगर्भित रूप से व्यक्त करता है। इसे ऐसे समझें कि संघ एक संगठन के रूप में प्रत्यक्ष रूप से किसी कार्य का नेतृत्व नहीं करता, बल्कि अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से समाज के हर क्षेत्र में परिवर्तन लाने की प्रेरणा देता है। यानी कि यह विचार संघ की "संगठन के माध्यम से व्यक्ति निर्माण" की अवधारणा पर पूरा पूरा आधारित है। संघ का कार्य: संगठन निर्माण और प्रेरणा देना जैसा कि हम सब जानते है RSS की स्थापना 1925 में डॉक्टर हेडगेवार ने की थी। इसके साथ ही उन्होंने के संघ के माध्यम से व्यक्ति निर्माण को प्राथमिकता दी। संघ स्वयं सामाजिक कार्यों में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लेता, बल्कि अपने स्वयंसेवकों को प्रेरित करता है कि वे समाज की सेवा करें। ...