इस पोस्ट से एक सन्देश स्पस्ट है लिखने वाले को मोदीजी के भाषणों में आजतक दहाड़, आत्मविश्वास, चहरे पर तेज, भाषण में ओज, विचारों का , नयापन धाराप्रवाह और हर बार मोदीजी के भाषण सुनने की आदत और आगे भी सुनने का संकल्प नजर आता है। इसे कहते है, 'फूफाजी ना ना करते 2 किलो लड्डू खा गए।"
16 दिसंबर 1971: भारत का विजय दिवस कैसे तेरह दिन में टूट गया पाकिस्तान
पाकिस्तान, जो कभी भारत का ही हिस्सा था, अपनी स्थापना से पहले ही भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने लगा था। विभाजन के बाद भी वह अपने "जन्मदाता" भारत को मिटाने के मंसूबे पालता रहा। इन्हीं साजिशों का परिणाम था 1971 का युद्ध, जो केवल 13 दिनों में पाकिस्तान की हार और एक नए देश, बांग्लादेश, के जन्म का कारण बना। लेकिन आज, जिस बांग्लादेश के लिए भारतीय सैनिकों ने बलिदान दिया, वही अब पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है। 1971: दुनिया का सबसे छोटा निर्णायक युद्ध 1971 का युद्ध इतिहास में सबसे छोटे लेकिन निर्णायक युद्धों में गिना जाता है। यह संघर्ष 3 दिसंबर को शुरू हुआ और 16 दिसंबर को समाप्त हुआ, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि बहुत पहले से तैयार हो रही थी। 1947 में विभाजन के समय, बंगाल का पूर्वी हिस्सा पाकिस्तान का हिस्सा बना और "पूर्वी पाकिस्तान" कहलाया। लेकिन भाषा और संस्कृति के मतभेद शुरू से ही गहराते गए। पूर्वी पाकिस्तान के बंगाली लोग अपनी भाषा, संस्कृति और पहचान को बनाए रखना चाहते थे, जबकि पाकिस्तान के शासक उन पर उर्दू और अरबी थोपना चाहते थे। 194...
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