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जून 8, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

✈️ ब्लैक बॉक्स की गवाही: अहमदाबाद विमान हादसे का सच क्या उजागर करेगा?

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अहमदाबाद विमान हादसे में ब्लैक बॉक्स से क्या खुलासे होंगे? जानिए कैसे CVR और FDR विमान की दुर्घटना की असली वजह बताने वाले हैं। 🔍 ब्लैक बॉक्स क्या है और क्यों है यह महत्वपूर्ण? जब भी कोई विमान हादसा होता है, तो सबसे पहले जिसे खोजा जाता है वह है ब्लैक बॉक्स (Black Box) । यह नाम भले ही रहस्यमयी लगता हो, पर वास्तव में यह दो उपकरणों का संयोजन होता है: Cockpit Voice Recorder (CVR) – यह कॉकपिट में पायलट और को-पायलट के बीच की बातचीत, अलार्म, और बैकग्राउंड नॉइज़ को रिकॉर्ड करता है। Flight Data Recorder (FDR) – यह विमान की गति, ऊँचाई, दिशा, इंजन की स्थिति, फ्लैप्स, लैंडिंग गियर, थ्रस्ट आदि जैसी सैकड़ों तकनीकी जानकारियाँ सहेजता है। 📦 अहमदाबाद हादसे में ब्लैक बॉक्स की बरामदगी 12 जून 2025 को एयर इंडिया की AI-171 फ्लाइट हादसे का शिकार हुई। राहत-बचाव के दूसरे ही दिन ब्लैक बॉक्स के दोनों हिस्से—CVR और FDR—को बरामद कर लिया गया । ये उपकरण जलकर कुछ हद तक क्षतिग्रस्त हो चुके थे, लेकिन इनका डेटा सुरक्षित माना जा रहा है। ब्लैक बॉक्स को दिल्ली भेजा गया है , जहाँ विशेषज्ञ NTSB (अम...

नियति के क्रूर प्रहार के बीच मानवता की एक छोटी सी कोशिश

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🕊️ अहमदाबाद विमान दुर्घटना : जब सपनों का सफर राख में बदल गया लेखक: मनमोहन पुरोहित तिथि: 13 जून 2025 ✈️ कर्णावती की दोपहर जब चुप हो गई 12 जून 2025 , दोपहर 13:40 बजे। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 , एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर , जब सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, तभी नियति ने अपना क्रूर प्रहार किया। प्लेन कर्णावती के मेघाणी नगर इलाके में स्थित BJ मेडिकल कॉलेज के अतुल्य हॉस्टल के पीछे , सिविल अस्पताल के निकट क्रैश हो गया। 🔥 मौत की विभीषिका: तबाही की सूची यात्रियों की संख्या: 242 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 केनेडियन, 12 क्रू मृत्यु: लगभग 300 घायल: 60+ 📍 नुकसान का ब्यौरा: अतुल्य हॉस्टल पूरी तरह जर्जर सैकड़ों वाहन जलकर राख पोस्टमार्टम हॉल क्षमता से अधिक शवों से भर गया सिविल अस्पताल के तीन केंद्रों में काम जारी: ट्रॉमा सेंटर पोस्टमार्टम यूनिट ओल्ड ट्रॉमा यूनिट 🧑‍🤝‍🧑 जब मानवता ने संभाला मोर्चा: स्वयंसेवकों की सेवा जब हर तरफ च...

12 जून 1975: लोकतंत्र की मशाल और सत्ता का अंधेरा

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12 जून 1975 की सुबह। इलाहाबाद की गलियों में सूरज की किरणें धीरे-धीरे फैल रही थीं, लेकिन शहर के उच्च न्यायालय में एक ऐसी आग जल रही थी, जो भारत के लोकतंत्र के इतिहास को हमेशा के लिए बदल देगी।  न्यायमूर्ति जगमोहन लाल सिन्हा अपने चैंबर में बैठे थे। उनके सामने मेज पर 258 पन्नों का एक दस्तावेज था—चार साल की मेहनत, दबावों का सामना, और साहस का प्रतीक। यह था देश की सबसे ताकतवर महिला, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, के खिलाफ एक ऐतिहासिक फैसला। यह कहानी उस एक दिन की है, जब कानून ने सत्ता को चुनौती दी। रायबरेली का रण और राजनारायण की जिद भारत का इंजीनियरिंग चमत्कार 👉 इसे भी पढ़ें कहानी की शुरुआत चार साल पहले, 1971 के लोकसभा चुनाव से होती है। रायबरेली की धूल भरी गलियों में, इंदिरा गांधी, जिन्हें "लौह महिला" कहा जाता था, ने अपने प्रतिद्वंद्वी राजनारायण को भारी अंतर से हराया था। राजनारायण, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के एक जुझारू नेता, जिन्हें लोग प्यार और मजाक में "जोक" कहते थे, इस हार को दिल से नहीं मान सके। उनका दावा था कि इंदिरा...

भारत की वैश्विक कूटनीति और ऑपरेशन सिन्दूर: आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक युग

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प्रस्तावना: भारत की नई वैश्विक पहचान ऑपरेशन सिन्दूर और जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी वैश्विक कूटनीति, राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ भारत के ऐतिहासिक रुख को दर्शाती है। पढ़ें कैसे भारत वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। आज का भारत केवल एक विकासशील राष्ट्र नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी निर्णायक उपस्थिति दर्ज कराने वाला एक मजबूत राष्ट्र है। ऑपरेशन सिन्दूर और जी-7 सम्मेलन में भारत की भागीदारी इसका ठोस उदाहरण हैं। एक ओर जहां भारत आतंकवाद के विरुद्ध सख्त कदम उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर विश्व की प्रमुख शक्तियाँ भारत की भूमिका को अनदेखा नहीं कर पा रहीं। जी-7 शिखर सम्मेलन 2025 और भारत की ऐतिहासिक भागीदारी भारत को कनाडा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन 2025 में आमंत्रित किया जाना एक बड़ा कूटनीतिक संकेत है। यह उस समय हुआ जब भारत-कनाडा संबंध खालिस्तानी गतिविधियों के कारण तनावपूर्ण थे। कनाडा का यह आमंत्रण इस बात का प्रमाण है कि भारत अब केवल एक भागीदार नहीं, बल्कि एक नीति निर्धारक शक्ति बन चुका है। डलास ब...

"कृषि क्रांति की नई उड़ान: बीज से बाजार तक किसानों के साथ भारत सरकार"

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  इस ब्लॉग में जानिए कैसे भारत सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक किसानों का साथ निभाकर भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर, टिकाऊ और समृद्ध बनाया। MSP, DBT, KCC और तकनीकी नवाचारों से कैसे बदली अन्नदाताओं की तकदीर। प्रस्तावना: बदलते भारत की कृषि यात्रा कृषि, भारत की आत्मा है। यही वह क्षेत्र है जो न केवल करोड़ों लोगों को आजीविका देता है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास का मजबूत आधार भी है। ऐसे में यदि भारत को वैश्विक शक्ति बनाना है, तो अन्नदाता का सशक्त होना आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बीते एक दशक में किसानों के कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इन प्रयासों ने भारत को बीज से लेकर बाजार तक एक नई कृषि-व्यवस्था की ओर अग्रसर किया है। 1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में ऐतिहासिक बढ़ोतरी पहले MSP केवल घोषणा तक सीमित थी, परंतु अब यह किसान की आय वृद्धि का वास्तविक साधन बन गया है। मोदी सरकार की नीति स्पष्ट है—हर फसल पर उसकी लागत से कम से कम 50% अधिक समर्थन मूल्य देना। खरीफ और रबी की प्रमुख फसलों के MSP में 1.8 से 3.3 गुना तक की वृद्धि। 2014-25 की अवधि...