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11 वर्षों की किसान सम्मान यात्रा: भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांति

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 11 वर्षों की किसान सम्मान यात्रा: भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांति  #11YearsOfKisanSamman के तहत जानें कैसे पीएम-किसान और अन्य योजनाओं ने भारत के किसानों को सशक्त बनाया।  पिछले 11 वर्षों में, भारत के कृषि क्षेत्र में एक मूक क्रांति हुई है। इस परिवर्तन की नींव रखी गई #11YearsOfKisanSamman पहल के माध्यम से, जिसने देश के करोड़ों किसानों को प्रत्यक्ष सहायता, आधुनिक तकनीक और सुरक्षित भविष्य प्रदान किया। इस ब्लॉग में हम इस यात्रा के प्रमुख स्तंभों, योजनाओं और उनके प्रभाव का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करेंगे। 1. पीएम-किसान योजना: प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसानों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की राशि तीन किस्तों में दी जाती है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में DBT के माध्यम से स्थानांतरित होती है, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी और त्वरित बनती है। लाभ : 12 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिला। प्रभाव : किसानों को बीज, खाद, सिंचाई आदि के लिए आर्थिक सहारा मिला। 2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): जोखिम ...

संघ शिक्षा वर्ग व्यक्तित्व निर्माण का सतत प्रयास

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  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का “संघ शिक्षा वर्ग” न केवल संगठनात्मक प्रशिक्षण का माध्यम है, बल्कि यह राष्ट्रभक्ति, सामाजिक समरसता और नेतृत्व निर्माण की प्रयोगशाला भी है। इसकी शुरुआत 1927 में नागपुर से हुई थी, जिसे बाद में ‘अधिकारी शिक्षा वर्ग’ और फिर 1950 से ‘संघ शिक्षा वर्ग’ के रूप में जाना गया। 📜 इतिहास की नींव: डॉ. हेडगेवार ने 1927 में संघ शिक्षा वर्ग की शुरुआत ग्रीष्मकालीन वर्गों के रूप में की थी। आरंभ में नागपुर के लोकांचीशाला, धनवटे नगर विद्यालय और न्यू इंग्लिश स्कूल जैसी स्थानों पर वर्ग का आयोजन हुआ। भोजन स्थानीय घरों से आता था। वर्गों के लिए शुल्क भी लिया जाता था जिससे चिकित्सा, बिजली, जल जैसी व्यवस्थाएँ सुचारु रूप से चल सकें। अन्ना सोहनी और मार्तंडराव जोग जैसे सहयोगियों की मदद से यह वर्ग सशक्त होते गए। 🏛️ स्मृति स्थल रेशमबाग: 1939 के बाद से संघ शिक्षा वर्ग हेडगेवार स्मृति मंदिर, रेशमबाग, नागपुर में नियमित रूप से आयोजित होते हैं। यह भूमि डॉ. हेडगेवार ने मात्र ₹700 में खरीदी थी। 🕘 कार्यक्रम की दिनचर्या: प्रातः 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक शारीरिक एवं बौद्धिक प्रशिक्षण, चर्...

चिनाब रेलवे पुल: इंजीनियरिंग का चमत्कार और भारत का गौरव

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🌉 चिनाब रेलवे पुल: विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल और भारत का नया गौरव 🗓️ प्रकाशन तिथि: 6 जून 2025 ✍️ लेखक: तकनीकी और सामाजिक विश्लेषक 📝 मेटा डिस्क्रिप्शन जानिए चिनाब रेलवे पुल के बारे में, जो विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। यह जम्मू-कश्मीर को देश से जोड़ने वाला इंजीनियरिंग का चमत्कार है, जो पर्यटन और सामरिक मजबूती को नई ऊंचाई देगा। 🗺️ जम्मू-कश्मीर की नई पहचान 6 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिनाब नदी पर बने चिनाब रेलवे पुल का उद्घाटन किया। यह पुल 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो पेरिस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है। इसे दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल कहा जा रहा है। यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है, जो कश्मीर घाटी को भारत के बाकी हिस्सों से जोड़ने के उद्देश्य से बनाई जा रही है। 🧠 इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना 📏 लंबाई: 1.3 किलोमीटर 🏗️ डिज़ाइन: 467 मीटर लंबा स्टील आर्च 💨 हवा प्रतिरोध: 260 किमी/घंटा तक की हवा झेलने में सक्षम 🌍 भूकंप रोधी: रिक्टर स्केल पर 8....

RCB की ऐतिहासिक IPL 2025 जीत और बेंगलुरु में भगदड़: जश्न से त्रासदी तक

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  RCB की ऐतिहासिक IPL 2025 जीत और बेंगलुरु में भगदड़: जश्न से त्रासदी तक 3 जून 2025 की रात क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गई, जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने आखिरकार 18 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद IPL 2025 का खिताब जीत लिया। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए इस रोमांचक फाइनल में RCB ने पंजाब किंग्स (PBKS) को 6 रनों से हराकर पहली बार IPL ट्रॉफी पर कब्जा किया। लेकिन इस ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न जल्द ही 4 जून 2025 को बेंगलुरु में एक दुखद भगदड़ में तब्दील हो गया, जिसमें 11 प्रशंसकों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। 🎉 RCB की जीत: 18 साल का सपना हुआ साकार RCB की यह जीत विराट कोहली , फाफ डु प्लेसिस , और ग्लेन मैक्सवेल जैसे खिलाड़ियों के वर्षों के संघर्ष और समर्थन का नतीजा थी। प्रशंसकों ने सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक जश्न मनाया। ट्विटर पर #RCBChampions और #EeSalaCupNamde ट्रेंड में रहे। यह जीत RCB के लिए सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि "वफादार फैंस की वर्षों की प्रतीक्षा का पुरस्कार" थी। 📍 विजय परेड और भगदड़ की ...

आज अयोध्या में सजेगा राम दरबार

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 राम नगरी अयोध्या फिर सज धज कर तैयार है. सरयू से लेकर राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple) तक उत्सव का माहौल है. रामलला तो पहले ही आ चुके हैं. अब मर्यादा पुरुषोत्तम राम का आगमन हो रहा है. 5 जून को पूरे विधि विधान के साथ खास अभिजीत महूर्त में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Darbar Pran Pratishtha) होगी. इसके लिए करीब 17 मिनट का शुभ मुहूर्त तय किया गया है. यानी कि दिन में 11:25 बजे से 11:40 के बीच राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर खास वैदिक मंत्रों से गूंज उठेगा. जानकारी के मुताबिक, अयोध्या और काशी के 101 आचार्य मंत्रोच्चार और विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराएंगे. इस खास पल का इंतजार अयोध्या ही नहीं पूरे देश को है. अयोध्या राम मंदिर में माचिस या कपूर के बिना अग्नि प्रज्वलित, जानिए प्राण-प्रतिष्ठा में क्या-क्या हो रहे विशेष अनुष्ठान? राम दरबार में विराजमान होंगे कौन से भगवान भगवान राम के दरबार में भगवान राम, मां सीता, परम भक्त हनुमान के साथ ही भगवान राम के तीनों भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की भी प्रतिमाएं विराजमान हैं. राम दरबार की स्था...

राष्ट्रीय सुरक्षा और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ओर बढ़ता भारत (4 जून 2025)

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  मेटा विवरण : 4 जून 2025 की ताज़ा खबरें जो हिंदू जीवन, राष्ट्र जीवन और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर रही हैं। भारतीय वायुसेना की तैनाती और रामायण विश्वविद्यालय की शुरुआत पर नवीनतम अपडेट्स पढ़ें। परिचय आज, 4 जून 2025 , भारत में दो महत्वपूर्ण घटनाएँ घटित हुई हैं, जिनका सीधा संबंध   राष्ट्र जीवन और राष्ट्रीय सुरक्षा से है। ये घटनाएँ न केवल भारत के भीतर एक नए विमर्श को जन्म दे रही हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की स्थिति और छवि को प्रभावित कर रही हैं। इस ब्लॉग में हम दो चर्चित घटनाओं की समीक्षा करेंगे: भारतीय वायुसेना की पाकिस्तान सीमा पर तैनाती अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय की शुरुआत 1. भारतीय वायुसेना की पाकिस्तान सीमा पर तैनाती: राष्ट्रीय सुरक्षा में नया अध्याय क्या हुआ? भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान से सटी सीमा पर लड़ाकू विमानों और आधुनिक वायु रक्षा प्रणालियों की तैनाती की है। यह कदम "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद उठाया गया है, जिसमें 7 मई 2025 को भारत ने आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी। तैनात प्रमुख प्रणाली : S-400 "सुदर्शन चक्र" S...

इन्फ्लुएंसर की दुनिया का स्याह सच: ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी और डिजिटल जासूसी का नया चेहरा

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कैसे सोशल मीडिया का ग्लैमर बन सकता है राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा 🔍 परिचय: एक चुलबुली इन्फ्लुएंसर से कथित जासूस तक का सफर हरियाणा की रहने वाली ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने भारत में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की दुनिया की परतें खोल दी हैं। "चुलबुली ज्योति" या "जी" नाम से प्रसिद्ध यह यूट्यूबर, एक स्वतंत्र जीवनशैली और यात्राओं की कहानियों से दर्शकों को जोड़ती थी। लेकिन उसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से जुड़े होने के आरोप न केवल सुरक्षा प्रतिष्ठानों को झकझोरते हैं, बल्कि यह भी उजागर करते हैं कि डिजिटल युग में जासूसी अब केवल फिल्मों का विषय नहीं रह गया है। 🌐 डिजिटल प्लेटफॉर्म: आत्म-अभिव्यक्ति या साजिश का औजार? ज्योति मल्होत्रा यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, व्हाट्सएप और स्नैपचैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी यात्राओं की कहानियाँ साझा करती थी। पाकिस्तान की यात्राओं और "संस्कृति विनिमय" के नाम पर बनाए गए वीडियो एक सामान्य ट्रैवल व्लॉग लगते हैं। परन्तु सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग जासूसी और...