वह कौन थी जिसने गुरु को बचाने अपने प्राण न्यौछावर किये
19 जून 1947 : तेरह वर्षीय वनवासी बालिका कालीबाई का बलिदान यह घटना उन दिनों की है जब अंग्रेजों ने भारत से जाने की घोषणा कर दी थी और भारत विभाजन की प्रकिया भी आरंभ हो गई थी। लेकिन अंग्रेज जाते जाते कुछ ऐसा करके जाना चाहते थे चर्च की जमाशट पर कोई अंतर न आये और न उनकी कोई सांस्कृतिक परंपरा प्रभावित हो। इसके लिये उनके कुछ "स्लीपर सेल" सक्रिय थे जो देशभर में काम रहे थे। इसी षड्यंत्र में इस बालिका का बलिदान हुआ। कालीबाई एक तेरह वर्षीय वनवासी बालिका थी। यह राजस्थान के डूंगरपुर जिले के वनाँचल की रहने वाली थी । कालीबाई का जन्म कब हुआ इसका इसका उल्लेख कहीं नहीं मिलता । अनुमानतः कालीबाई का जन्म जून 1934 माना गया। अंग्रेजीकाल में चर्च ने वनवासी अंचलों में चर्च ने अपने विद्यालय आरंभ करने का अभियान चलाया हुआ था। जिनका उद्देश्य वनवासी समाज को उनके मूल से दूर करना था। उनकी शिक्षा की शैली कुछ ऐसी थी कि वनवासी क्षेत्र में मतान्तरण तेजी से होने लगा था । उस समय के अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और सामाजिक साँस्कृतिक संगठन इसके लिये चिंतित थे। विशेषकर ऐसे स्वतंत्रता सं...