भारत की वैश्विक कूटनीति और ऑपरेशन सिन्दूर: आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक युग
प्रस्तावना: भारत की नई वैश्विक पहचान
आज का भारत केवल एक विकासशील राष्ट्र नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी निर्णायक उपस्थिति दर्ज कराने वाला एक मजबूत राष्ट्र है। ऑपरेशन सिन्दूर और जी-7 सम्मेलन में भारत की भागीदारी इसका ठोस उदाहरण हैं। एक ओर जहां भारत आतंकवाद के विरुद्ध सख्त कदम उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर विश्व की प्रमुख शक्तियाँ भारत की भूमिका को अनदेखा नहीं कर पा रहीं।
जी-7 शिखर सम्मेलन 2025 और भारत की ऐतिहासिक भागीदारी
भारत को कनाडा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन 2025 में आमंत्रित किया जाना एक बड़ा कूटनीतिक संकेत है। यह उस समय हुआ जब भारत-कनाडा संबंध खालिस्तानी गतिविधियों के कारण तनावपूर्ण थे। कनाडा का यह आमंत्रण इस बात का प्रमाण है कि भारत अब केवल एक भागीदार नहीं, बल्कि एक नीति निर्धारक शक्ति बन चुका है।
डलास ब्रोडी, कनाडाई विधायक ने भी इसे संबंधों में एक नए युग की शुरुआत कहा। यह विश्व समुदाय में भारत की स्वीकार्यता और नेतृत्व को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिन्दूर: आतंक के विरुद्ध भारत का साहसिक जवाब
"शून्य सहनशीलता की नीति को व्यवहार में उतारता एक अभियान!"
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई को ऑपरेशन सिन्दूर शुरू किया। इस ऑपरेशन में:
-
9 आतंकी ठिकाने पाकिस्तान व पीओके में ध्वस्त किए गए।
-
100+ आतंकवादी मारे गए।
-
लक्षित हमलों में केवल आतंकी ठिकाने निशाना बने, नागरिक ठिकानों को क्षति नहीं पहुंचाई गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने इसे "भारत के इतिहास का सबसे सफल आतंकवाद-विरोधी ऑपरेशन" कहा। भारत ने यह भी सिद्ध किया कि वह आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग पूरी जिम्मेदारी के साथ करता है।
राजनीतिक एकता: विपक्ष और सत्तारूढ़ दल साथ-साथ
इस ऑपरेशन के बाद भारत ने एक अभूतपूर्व कूटनीतिक पहल की। सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को शामिल कर 32 देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजे गए। शशि थरूर, सुप्रिया सुले, संजय झा जैसे नेता भारत की नीति का समर्थन करते नजर आए।
यह भारतीय राजनीति में दुर्लभ एकता का परिचायक था — जहां दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी ने भारत के पक्ष में स्वर मिलाया।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और वैश्विक तिरस्कार
पाकिस्तान ने झूठे प्रचार द्वारा भारत पर हमला करने का प्रयास किया, परंतु सैटेलाइट इमेज, स्वतंत्र मीडिया और अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषकों ने इन दावों को खारिज कर दिया।
अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मन ने पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की। कतर, जापान, फ्रांस, ब्राजील जैसे देशों ने भी भारत के साथ समर्थन व्यक्त किया।
विश्व की दृष्टि से अवैध नागरिकों और आतंक-समर्थकों पर क्या होता है?
जब भारत अपनी सीमाओं और आंतरिक सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाता है, तब आलोचना होती है, परंतु यह समझना आवश्यक है कि विश्व की प्रमुख शक्तियाँ अवैध नागरिकों के साथ क्या करती हैं:
-
अमेरिका: अवैध प्रवासियों को ICE (Immigration and Customs Enforcement) द्वारा डिटेन किया जाता है और शरणार्थी कानून के तहत कार्यवाही होती है। सुरक्षा से जुड़े मामलों में तत्काल निर्वासन होता है।
-
फ्रांस: सार्वजनिक व्यवस्था या सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले व्यक्तियों को फ़ौरन देश से बाहर किया जाता है।
-
ऑस्ट्रेलिया: शरणार्थियों को ऑफशोर डिटेंशन सेंटरों में रखा जाता है, और कट्टरता से जुड़े मामलों में प्रवास का अधिकार रद्द कर दिया जाता है।
भारत को भी अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के लिए कठोर रुख अपनाने का अधिकार है।
भारत का संविधान और अवैध नागरिकता पर कानून
भारत का संविधान सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देता है, लेकिन गैर-कानूनी घुसपैठ या नागरिकता के बिना भारत में रहना अपराध है। प्रमुख प्रावधान:
-
विदेशी अधिनियम, 1946: अवैध रूप से भारत में रहने वाले विदेशी को गिरफ्तार व निर्वासित किया जा सकता है।
-
भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955: नागरिकता प्राप्त करने के स्पष्ट मापदंड हैं; अवैध निवासियों को नागरिकता नहीं दी जा सकती।
-
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA): किसी व्यक्ति को देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानने पर बिना मुकदमे के हिरासत में लिया जा सकता है।
इसका अर्थ है कि भारत की सुरक्षा, जनसांख्यिकीय संतुलन, और राजनीतिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कानूनी रूप से कार्रवाई करना पूरी तरह जायज़ है।
निष्कर्ष: भारत वैश्विक नेतृत्व की ओर
ऑपरेशन सिन्दूर हो या जी-7 में भागीदारी — भारत आज रणनीतिक स्पष्टता, राजनीतिक एकता और वैश्विक समझ के साथ एक सशक्त राष्ट्र बन रहा है। पाकिस्तान की झूठी प्रचार नीति पर वैश्विक अस्वीकार और भारत के पक्ष में दुनिया की एकजुटता यह सिद्ध करती है कि आने वाला समय भारत के नेतृत्व का है।
यह क्षण हर भारतीय के लिए गर्व का है — एक आत्मविश्वास भरे भारत का, जो आतंकवाद के समूल विनाश के लिए प्रतिबद्ध है, और साथ ही दुनिया को नेतृत्व देने के लिए तैयार है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें