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🚀 आत्मसमर्पण से पुनर्निर्माण: नक्सल मुक्त होता छत्तीसगढ़

SEO कीवर्ड्स: छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण नीति, नक्सलवाद पुनर्वास योजना, पूना मारगेम, नियद नेल्लानार, छत्तीसगढ़ विकास मॉडल भारत आज एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है, जहाँ आतंकवाद और नक्सलवाद को अब केवल सुरक्षा बल की कार्रवाई से नहीं, बल्कि दृढ़ सरकारी नीतियों और समावेशी विकास योजनाओं के माध्यम से परास्त किया जा रहा है। छत्तीसगढ़, जो कभी 'लाल आतंक' का गढ़ था, आज इसी परिवर्तन की गाथा लिख रहा है। हाल ही में, 140 से अधिक नक्सलियों का आत्मसमर्पण, और उससे पहले कांकेर और बीजापुर में सामूहिक समर्पण, इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार की मानवीय और व्यापक नीतियां रंग ला रही हैं। अब समय आ गया है कि उन योजनाओं पर गहराई से नज़र डाली जाए, जिन्होंने हिंसा का रास्ता चुनने वाले युवाओं में विश्वास और आशा का संचार किया है। 🌟 नई 'नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत और पुनर्वास नीति-2025': आशा की किरण छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी पुरानी नीति को व्यापक रूप से संशोधित करते हुए 'छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत और पुनर्वास नीति-2025' लागू की है। यह नीति 'छोड़ो बंदूक, थामो विकास' के नारे को...

कर्नाटक हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: RSS शाखाओं पर बैन हटने से संवैधानिक अधिकारों की जीत!

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नमस्ते! मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का एक स्वयंसेवक हूँ, और आज मैं बेहद राहत और संतोष महसूस कर रहा हूँ। पिछले कुछ दिनों से हम सब एक अजीब से असमंजस और चिंता में थे। कर्नाटक सरकार ने एक ऐसा आदेश जारी किया, जिसने सीधे तौर पर हमारे संवैधानिक अधिकारों पर प्रहार करने की कोशिश की। हमारी हर दिन लगने वाली शाखा, जहाँ हम देश और समाज की भलाई के लिए एकजुट होते हैं, जहाँ हम शांतिपूर्ण तरीके से शारीरिक और बौद्धिक अभ्यास करते हैं, उस पर रोक लगाने का प्रयास किया गया। क्या देश में 10 से अधिक लोगों का शांतिपूर्ण तरीके से एक जगह इकट्ठा होना भी अब 'अपराध' हो गया है? क्या सार्वजनिक स्थानों, पार्कों और मैदानों पर देश-सेवा की बात करना, खेल खेलना और साथ मिलकर बैठना प्रतिबंधित हो सकता है? यह सुनकर गहरा दुख हुआ कि कुछ राजनीतिक हित साधने के लिए हमारी वर्षों पुरानी, नितांत शांतिपूर्ण गतिविधियों को निशाना बनाया गया। हमारी आरएसएस शाखाएँ कोई राजनीतिक अखाड़ा नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की पाठशालाएँ हैं। हम हमेशा से ही कानून का सम्मान करते आए हैं और अपनी गतिविधियाँ पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके...