नैतिक लड़खड़ाहट का कोई इलाज नहीं!




शारीरिक रूप से गिरा हुआ व्यक्ति तो उठ सकता है किंतु नैतिक रूप से गिरा हुआ न उठ सकता है न हिल सकता है। क्योंकि नैतिक लड़खड़ाहट व्यक्ति के संवेदनात्मक ठिये को इतना क्षतिग्रस्त कर देती है कि निदान दुःसाध्य बनकर रह जाता है। आज प्रदेश और देश में यही लड़खड़ाहट शाया हो रही है।

जो लोग हाथरस घटना पर राजस्थान में ज्ञापन देना चाहते हैं उन लोगों की नींद अपने ही राज्य में घटी घटनाओं से क्यों नहीं उड़ी।

वे लोग अजमेर व सिरोही की घटनाओं पर मुँह में मूंग भरकर क्यों बैठे है? अपने-अपने जिले की कलेक्ट्री में जाकर देते क्यों नहीं ज्ञापन,राजस्थान सरकार की नाकामियों के खिलाफ!

क्यों नहीं करते आंदोलन बंगाल के कांडों पर। क्यों सुनाई नहीं देती उन्हें ऑनर किलिंग से उपजी चीखें!

बांसवाड़ा गैंग रेप पर राज्य सरकार से जवाब मांगने के बजाए हाथ मे चूड़ियां डालकर प्रदेश सरकार के वारणे क्यों लिये जा रहे है? आखिर झोल क्या है?

क्या राजनीति का स्याह धूम्र इतना फैल चुका है कि सही-गलत, नैतिक-अनैतिक सब गड्डमड्ड हो गया है? या अस्मितावाद के घटाटोप ने प्रज्ञा को आवृत कर दिया है?
किस बिना पर वितंडा का रातिब परोसा जा रहा है?

मैंने पहले भी लिखा था कि गाँधीजी की सर्वाधिक आवश्यकता आज काँग्रेस को ही है। क्योंकि उसने सदा गांधी जाप करने का दावा किया है किन्तु उनके आदर्शों से किनारा ही रखा। यदि ऐसा न होता तो राहुल गाँधी देश भर में घटी घटनाओं के प्रति संवेदना व्यक्त करते।

विपक्ष के प्रतिनिधि व एक पुरातन पार्टी के कर्णधार होने के नाते क्या उनकी ये नैतिक जिम्मेदारी नहीं, कि सबसे पहले उन घटनाओं पर बोले जो उनकी सरकारों में हो रही है। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदेही उनके नेताओं की है।

महाराष्ट्र में सत्ता-सहयोगी होने के नाते वे पालघर क्यों नहीं गए? जहाँ साधुओं को पीट- पीटकर मार डाला गया। राजस्थान में हुई बलात्कार की घटनाओं से मुखातिब होने के बजाय हाथरस जाकर वे कौनसी शुचिता का प्रदर्शन कर रहे है!

कांग्रेस नेताओं का यह गैर जिम्मेदाराना रवैया कुछ समय पूर्व बिजली बिल लो लेकर भी देखा गया। जब प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश सरकार को बिल माफ करने का बिन मांगा सुझाव दे रही थी लेकिन कांग्रेस शासित राजस्थान में बढ़े हुए बिलों पर एक शब्द तक बोलने से गुरेज किया।

कीचड़ में खड़े होकर दूसरों पर हँसने का यह ढंग आखिर कब जाएगा? 'उपदेश कुशल बहुतेरे' की प्रवृत्ति से कब मुक्त होगी यह पार्टी?

~दिनेश सूत्रधार

टिप्पणियाँ

  1. कांग्रेस सरकार अपनी गिर बान में झांक कर देखिए। राजस्थान में क्या होरहा । बंगाल में क्या हो रहा है। यूपी में बीजेपी सरकार को बदनाम करने की कोशिश हो रही है।

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