हाथरस केस: योगी सरकार को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान से किए गए ट्वीट्स, पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग
हाथरस केस: योगी सरकार को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान से किए गए ट्वीट्स, पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग।
हाथरस परिवार में रही नकली भौजी का सच क्या है?
हाथरस की घटना को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सोशल मीडिया पर किए जा रहे फर्जी ट्वीट्स की पड़ताल करने वाली पुलिस टीम को सुराग हाथ लगे हैं कि हाथरस कांड में भ्रम फैलाने के लिए ट्वीट पाकिस्तान और मध्य एशिया के ट्विटर हैंड से किए गए। इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को बदनाम करना मुख्य उद्देश्य था। जांच एजेंसियां अब इसकी गंभीरता से पड़लात कर रही हैं।
नए दौर की तरफ भारत बंग्लादेश रिश्ते
सोशल मीडिया पर हाथरस कांड को लेकर भ्रम फैलाने के मामले में पीएफआई की संलिप्तता का पहले ही खुलासा हो चुका है। जांच कर रही एजेंसियों का दावा है कि ऐसा प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर बड़ी साजिश रची गई थी। घटना को जातीय हिंसा का रंग देने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से कई झूठे तथ्य प्रचारित किए गए। इसके लिए योगी सरकार को निशाना बनाते हुए बड़ी संख्या में पाकिस्तान और मध्य एशिया के देशों से ट्वीट कराए गए। पुलिस और जांच एजेंसियां अब पता लगाने में जुटी हैं कि क्या इसके पीछे भारत में सक्रिय किसी संगठन की साजिश तो नहीं थी।
ट्वीट के लिए कई गई फंडिंग
सुरक्षा एजेंसियों की पड़ताल में पता चला है कि इस गहरी साजिश के लिए बाकायदा फंडिंग की गई है। ऐसी साजिशों के हाथरस के चंदपा थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां हुईं तो बड़ी संख्या में फर्जी एकाउंट्स बंद हो गए और नफरत फैलाने वाले झूठे ट्विट हटा दिए गए। ये ट्वीट देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ बाहरी देशों से भी किए गए थे। सोशल मीडिया पर यह प्रचारित किया गया था कि लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है, उसकी जीभ काट ली गई है और हाथ-पैर तोड़ दिए गए हैं। इसमें से कई तथ्य अभी तक की जांच में गलत पाए जा चुके हैं। हालांकि मामले की जांच अब सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली है।
पीड़ित परिवार बोला-रात को नहीं जाएंगे लखनऊ हाईकोर्ट :
हाथरस केस के मामले में लखनऊ हाईकोर्ट ने डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह सहित कई अफसरों को तलब किया है। साथ ही पीड़ित परिवार को भी बयान देने के लिए 12 अक्टूबर को बुलाया गया था। पीड़ित परिवार ने पुलिस की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लखनऊ जाने से मना कर दिया। पीड़िता के भाई का कहना है कि रात को वह लखनऊ नहीं जाएंगे। रात के समय रास्ते में उन लोगों के साथ कुछ भी हो सकता है। इसी वजह से पीड़ित परिवार ने पुलिस के साथ रात में लखनऊ जाने से मना कर दिया। इसकी खबर से पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में इंस्पेक्टर प्रवेश राणा ने मौके पर पहुंचे और परिजनों से बात की। परिवार की महिलाओं ने इंस्पेक्टर से रात में लखनऊ जाने से इनकार कर दिया। हालांकि पीड़ित परिवार को पुलिस प्रशासन मनाने में जुटा है, लेकिन पीड़ित परिवार मानने को तैयार नहीं है।
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