आतंकवादी का बेटा बना कश्मीर में प्रशासनिक अधिकारी, सेना से सम्मानित किया

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कश्मीर प्रशासनिक सेवा (केएएस) में 46वीं रैंक हासिल करने वाले गाजी अब्दुल्ला को 10 राष्ट्रीय राइफल्स ने डोडा में सम्मानित किया है। दरअसल गाजी अब्दुल्ला के पिता मोहम्मद अब्दुल्ला एक आतंकवादी थे और वह हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन से जुड़े हुये थे। जब गाजी अब्दुल्ला छोटे थे, तभी सेना ने एक एनकाउंटर के दौरान उनके आतंकी पिता को ढेर किया था। गाजी अब्दुल्ला गुंडना के पिछड़े इलाके से आते हैं। उन्होंने श्रीनगर के एक अनाथालय में रहते हुये कठिन हालात में पढ़ाई की और गरीबी, आतंकवाद, संसाधनों की कमी से लड़ते हुये प्रशासनिक सेवा में पद हासिल किया है।

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लेखक कैसे बनें?

सेना ने सम्मान कार्यक्रम में उन सभी छात्रों को बुलाया था, जो भविष्य में प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहते हैं। सभी छात्रों के लिए यह कार्यक्रम प्रेरक और फलदायी साबित हुआ है। कार्यक्रम के दौरान गाजी अब्दुल्ला ने युवाओं के साथ एक गरीब बच्चे से एक सफल अधिकारी बनने तक के अपने सफर के कहानी को साझा किया और उन्हें जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित किया। समारोह के दौरान छात्रों ने कामयाबी का मंत्र पूछा तो गाजी अब्दुल्ला ने कहा कि मेहनत और अच्छी तालीम से सब कुछ संभव है। मंजिल तक पहुंचने के लिए हालात से ज्यादा पक्के इरादों की जरूरत पड़ती है। साथ ही उन्होंने डोडा इलाके में हालात को सामान्य करने के लिए भारतीय सेना को भी धन्यवाद दिया, जिससे छात्रों को आगे बढ़ने और अलग-अलग क्षेत्रों में करियर बनाने के नये अवसर मिल सके।


पढ़ाई का सफर 

गाजी अब्दुल्ला ने बताया कि पिता की मौत के उनका बचपन श्रीनगर के बेमिना में एक अनाथालय में बीता। वह शुरू से पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। उन्होंने कक्षा दस में भी टॉप किया था। कक्षा 12 के बाद खर्च चलाने के लिए उन्होंने ट्यूशन भी पढ़ाना शुरू किया था। गाजी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन में डिग्री हासिल की है और अब कश्मीर प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 46वीं रैंक मिला है।

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