संदेश

दिसंबर 21, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

राजस्थान में भारतीय ज्ञान परंपरा: आत्मनिर्भर छात्र, विद्यालय और व्यवस्था का शंखनाद

चित्र
राजस्थान में भारतीय ज्ञान परंपरा: आत्मनिर्भर छात्र, विद्यालय और व्यवस्था का शंखनाद 1. प्रस्तावना: जड़ों की ओर वापसी, भविष्य की ओर दृष्टि राजस्थान की मरुधरा केवल अरावली की पर्वतमालाओं और रेतीले धोरों की भूमि नहीं है, बल्कि यह वह पुण्य धरा है जहाँ 'विद्या' को जीवन का आधार माना गया। प्राचीन काल में यहाँ के गुरुकुलों ने ऐसे व्यक्तित्व गढ़े जिन्होंने दुनिया को शून्य से लेकर खगोल विज्ञान तक का ज्ञान दिया। आज जब हम 'विकसित भारत @2047' की बात करते हैं, तो उसकी पहली सीढ़ी राजस्थान की स्कूली शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा (IKP) की पुनर्स्थापना है। भारतीय ज्ञान परंपरा कोई संकुचित विचारधारा नहीं, बल्कि सत्य, तर्क और अनुभव की वह संचित निधि है जो छात्र को 'आत्मनिर्भर' बनाती है। 2. भारतीय ज्ञान परंपरा (IKS) का मर्म और राजस्थान IKP का मूल सिद्धांत है—"समग्रता"। यहाँ ज्ञान खंडों में नहीं है। राजस्थान के संदर्भ में देखें तो यहाँ की स्थापत्य कला में गणित है, लोक गीतों में इतिहास है और सामाजिक रीति-रिवाजों में पर्यावरण विज्ञान है। जब एक छात्र अपनी संस्कृति को विज...

भारत का भविष्य: जनसांख्यिकीय असंतुलन, वैचारिक विध्वंस और राष्ट्रीय अखंडता की चुनौती

चित्र
भारत का भविष्य: जनसांख्यिकीय असंतुलन, वैचारिक विध्वंस और राष्ट्रीय अखंडता की चुनौती इतिहास स्वयं को तब तक दोहराता है जब तक उससे शिक्षा न ली जाए। 1947 का विभाजन केवल मानचित्र पर खींची गई रेखा नहीं थी, बल्कि वह दशकों तक चले वैचारिक विध्वंस (सबवर्शन), जनसांख्यिकीय परिवर्तन और राजनीतिक तुष्टीकरण का अंतिम परिणाम था। आज, 21वीं सदी के तीसरे दशक में, भारत एक बार फिर उन पदचापों को सुन रहा है जो अतीत में विभाजन की आधारशिला बनी थीं। क्या भारत में "एक और विभाजन" की पृष्ठभूमि तैयार हो रही है? यह प्रश्न आज केवल राजनीतिक गलियारों का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अस्तित्व का मूल प्रश्न बन चुका है। 1. ऐतिहासिक दर्पण: 1947 और 1971 की सीख 1947 में पाकिस्तान का निर्माण और 1971 में बांग्लादेश का उदय—ये दोनों घटनाएँ सिद्ध करती हैं कि भूगोल कभी भी विभाजन का मुख्य कारण नहीं होता। कारण होता है 'विचार' और 'संख्यात्मक शक्ति'।  * पाकिस्तान: मुस्लिम लीग के 'द्वि-राष्ट्र सिद्धांत' ने यह स्थापित किया कि मत-पंथ के आधार पर राष्ट्र अलग हो सकते हैं।  * बांग्लादेश: यहाँ भा...