"शिक्षा नीति : वर्तमान और भविष्य की आधारशिला"
भारत आज ऐसे ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है जहाँ वह "विकसित भारत @2047" की संकल्पना को साकार करने की ओर तेजी से अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने "आत्मनिर्भर भारत" और "विकसित भारत" का जो स्वप्न देखा है, उसकी बुनियाद शिक्षा है। महात्मा गांधी ने कहा था, "शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य चरित्र निर्माण है।" यह विचार भारत के संपूर्ण विकास के मूल में है।
भारतीय शिक्षा : एक गौरवशाली परंपरा
भारत की प्राचीन शिक्षा परंपरा विश्व की सबसे पुरानी और समृद्ध परंपराओं में से एक रही है। तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, वल्लभी और उज्जयिनी जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों ने भारत को ज्ञान का वैश्विक केंद्र बनाया। गुरुकुल परंपरा में विद्यार्थियों को न केवल शास्त्रों का ज्ञान दिया जाता था, बल्कि जीवन मूल्यों, प्रकृति के प्रति प्रेम, आत्मनिर्भरता और चरित्र निर्माण की शिक्षा भी दी जाती थी।
आचार्य चाणक्य का कथन है— "शिक्षा सबसे बड़ा धन है, जिसे कोई चुरा नहीं सकता।" यही भारतीय दर्शन शिक्षा को केवल रोज़गार का साधन नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य मानता है।
औपनिवेशिक विरासत और स्वतंत्र भारत में शिक्षा
ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में शिक्षा को केवल क्लर्क और नौकरीपेशा तैयार करने तक सीमित कर दिया गया। स्वतंत्र भारत में 1968, 1986 और 1992 में शिक्षा नीतियों के माध्यम से समानता, गुणवत्ता और समावेशिता लाने के प्रयास हुए, लेकिन शिक्षा की आत्मा भारतीयता से दूर होती गई।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : आधारशिला नव भारत की
2015 में शुरू हुई व्यापक विचार-विमर्श प्रक्रिया के बाद 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) लागू की गई, जो 21वीं सदी के भारत के लिए परिवर्तनकारी दस्तावेज है। NEP 2020 ने शिक्षा को भारतीयता, समावेशिता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ जोड़ने का प्रयास किया है।
NEP 2020 की प्रमुख विशेषताएं:
5+3+3+4 शिक्षा संरचना: बाल विकास के मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर आधारित नया ढांचा।
मातृभाषा या स्थानीय भाषा में शिक्षा: कक्षा 5 तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा रखने पर बल।
आजीवन सीखने (Lifelong Learning) की अवधारणा।
कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा: कक्षा 6 से ही स्किल डेवलपमेंट और इंटर्नशिप।
डिजिटल लर्निंग और टेक्नोलॉजी: ई-लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग का समावेश।
शिक्षक सशक्तिकरण और प्रशिक्षण: शिक्षकों के सतत व्यावसायिक विकास पर विशेष बल।
अंतरराष्ट्रीयकरण: भारतीय संस्थानों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना।
👉 आंकड़े: भारत में लगभग 26 करोड़ विद्यार्थी और 1 करोड़ शिक्षक हैं। यह विश्व का सबसे बड़ा शैक्षिक तंत्र है।
डिजिटल युग में शिक्षा की नई दिशा
COVID-19 के दौरान भारत में डिजिटल शिक्षा का व्यापक विस्तार हुआ। DIKSHA, SWAYAM, e-Pathshala, PM eVidya, One Nation One Digital Platform जैसी पहलों ने शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाया।
👉 आंकड़ा: भारत में 2023 तक 85 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हो चुके हैं।
मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नवाचारों को शिक्षा में शामिल कर भारत भविष्य के लिए युवाओं को तैयार कर रहा है।
कौशल विकास और रोजगारोन्मुखी शिक्षा : समर्थ भारत का आधार
NEP 2020 व्यावसायिक शिक्षा को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। कक्षा 6 से स्किल्स जैसे— कोडिंग, ग्राफिक डिजाइन, कृषि, कुटीर उद्योग, उद्यमिता, वित्तीय साक्षरता आदि पढ़ाए जाएंगे।
👉 भारत के GDP में शिक्षा का योगदान बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा शिक्षा पर व्यय को 6% GDP तक ले जाने का लक्ष्य।
समावेशी और सतत विकासोन्मुखी शिक्षा
NEP 2020 शिक्षा में समावेशिता और सामाजिक न्याय को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है:
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से बालिका शिक्षा।
दिव्यांग बच्चों के लिए समावेशी कक्षाएं।
अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए विशेष सहायता।
👉 संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (SDG-4): 2030 तक सबके लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना।
भारतीयता के मूल में शिक्षा : सांस्कृतिक पुनर्जागरण
NEP 2020 भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्स्थापित करती है। वैदिक गणित, योग, आयुर्वेद, भारतीय संगीत, नाट्यशास्त्र, वास्तुशास्त्र, पर्यावरण चेतना जैसे विषय पाठ्यक्रम में शामिल किए जा रहे हैं।
👉 उद्धरण: स्वामी विवेकानंद ने कहा था, "हम ऐसी शिक्षा चाहते हैं जो जीवन निर्माण करे, मनुष्य निर्माण करे, चरित्र निर्माण करे और विचारों की आत्मनिर्भरता पैदा करे।"
भारतीय शिक्षा दर्शन "वसुधैव कुटुम्बकम्", "सर्वे भवन्तु सुखिनः" और "अहिंसा परमो धर्मः" जैसे विचारों से ओतप्रोत रहा है।
चुनौतियाँ और समाधान
चुनौतियाँ:
डिजिटल डिवाइड: ग्रामीण भारत में केवल 37% इंटरनेट कनेक्टिविटी।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की कमी।
कौशल-अर्जन और रोजगार के बीच गैप।
समाधान:
डिजिटल अवसंरचना में निवेश और सभी के लिए इंटरनेट सुलभ बनाना।
शिक्षक प्रशिक्षण का आधुनिकीकरण।
इंडस्ट्री-एकेडमिया साझेदारी को बढ़ावा देना।
समर्थ भारत : शिक्षा से संकल्प की सिद्धि
भारत@2047 का लक्ष्य— एक ऐसा भारत जो आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विश्वगुरु बने— केवल शिक्षा से ही संभव है।
NEP 2020 वह दीपशिखा है जो भारत के युवाओं को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी, जागरूक और वैश्विक नागरिक बनाएगी।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था:
"शिक्षा का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं है, बल्कि जीवन की गहराइयों को समझने की क्षमता विकसित करना है।"
इसी सोच के साथ भारत शिक्षा के क्षेत्र में समर्थ बनकर "संकल्प से सिद्धि" की ओर अग्रसर है।
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