नक्सलियों के गढ़ में अब लहराएगा तिरंगा

नक्सलियों के गढ़ में गणतंत्र दिवस की खुशी, जवानों ने उतार फेंके नक्सल झंडे; अब लहराएगा तिरंगा

बस्तर में नक्सलियों के सबसे मजबूत आधार क्षेत्र में सुरक्षा बल ने पिछले एक माह में 15 नए कैंप खोलकर नक्सलियों के झंडे उतार फेंके हैं और अब वहां गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने की तैयारी की जा रही है।

गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के उन्मूलन के लिए मार्च 2026 का लक्ष्य तय किया है, जिसे पूरा करने के लिए सुरक्षा बल ने अब अबूझमाड़ में नक्सल विरोधी अभियान को तेज कर दिया है। तेलंगाना सीमा पर वाटेवागु में पिछले वर्ष 20 दिसंबर को नया कैंप खोला गया।

क्या बोले ग्रामीण?
ग्रामीण सुक्का कहते हैं कि गांव में गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस के पहले नक्सली नेता तिरंगा फहराने पर मौत का फरमान जारी करते थे। इस दिन नक्सली लोकतंत्र के विरोध में काले झंडे फहराते थे। अब सुरक्षा बल के आने के बाद जवानों ने ग्रामीणों को 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाने के लिए बुलाया है।
वहीं, एक अन्य ग्रामीण वेको ने बताया कि सुरक्षा बल के आने के बाद नक्सली गांव छोड़कर दूर चले गए हैं। बता दें कि तेलंगाना से सटा छत्तीसगढ़ के बीजापुर-दंतेवाड़ा-सुकमा का सीमाई क्षेत्र कुख्यात नक्सली हिड़मा समेत शीर्ष नक्सलियों की शरणस्थली रहा है।

*सुरक्षाकर्मियों ने ध्वस्त किया नक्सलियों का किला*
चार दशक से नक्सली यहीं से पूरे बस्तर में नक्सल आंदोलन चलाया करते थे। इसी तरह अबूझमाड़ के अंदरुनी क्षेत्रों में भी नक्सलियों ने कब्जा कर रखा था। अब सुरक्षा बल ने नक्सलियों को इस कॉरिडोर को ध्वस्त करना प्रारंभ किया है। बीजापुर जिले में पांच नए कैंप कोंडापल्ली, जिड़पल्ली-1, जिड़पल्ली-2, वाटेवागु, कर्रेगट्टा व अब पीड़िया में भी कैंप खोले गए हैं।

यहां भी खुले कैंप
बीजापुर से सटे सुकमा की सीमा पर तुमालपाड़, रायगुड़ेम, गोलाकुंडा, मेट्टागुड़ा में भी नवीन कैंप खुले हैं। नारायणपुर में अबूझमाड़ क्षेत्र में होरादी, गारपा, कच्चापाल, कोडलियार में कैंप खोले गए हैं।

इसके साथ ही बस्तर रेंज के आइजी सुंदरराज पी. ने कहा कि नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना के बाद से नक्सल गतिविधियों पर रोक लगी है। इन नवीन कैंपों में ग्रामीणों के साथ मिलकर गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया जाएगा। पर्व को लेकर ग्रामीणों में भी उत्साह है।

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