22 वर्ष बाद जब फिर से क्लास 6 को पढ़ने गया।

एक मोटा हाथी झूम के चला।
मकड़ी के जल में जा के फंसा।
असंभव!!!मगर सत्य??
आजकल मेरी हालत कुछ ऐसी ही है।
24 वर्ष के सेवाकाल में दूसरी बार क्लास 6 को विज्ञान विषय पढ़ने
का अवसर मिला।
पहली बार1992 में और दूसरी बार 2014 में।
प्रवेशगति धीमी होने से कल 10 जुलाई
को पहली बार क्लास में गया।
पिछले 3 वर्षो से शिक्षक प्रशिक्षणों में सक्रिय प्रशिक्षक और राज्य
सन्दर्भ व्यक्ति का दाइत्व भी निभा रहा हूँ सो इस गर्व के साथ
और पेडागोगी/शिक्ष्ण तकनीको को याद करते हुए
बरामदे में बेठी क्लास6,7,8में से क्लास 6 को तलाश कर पहुचा।
वहाँ तो समस्याएं मुँह बाये खड़ी थी।
-रोज क्लास 11,12पढ़ता हूँ। ये बच्चे बहुत छोटे लगे।
-क्लास बरामदे में
-ब्लेक बोर्ड नहीं
-15 मेसे कोई बच्चा मेरी तरफ ध्यान
ही नही दे रहा
जैसे तैसे मेने स्थिति सम्हाली पढ़ना शुरू किया तो दिल धक् से रह
गया।
यह क्या?????
बच्चो को किताब पढना नही आता!!!!
7-8 बच्चो को खड़ा करने पर उन्होंने साफ साफ कह दिया
गुरूजी मुझे पढना नही आता???
क्या करूं??
कैसे करूँ??
प्रधानाचार्य तो टाइम टेबल बदलेगा नही।

कोई सुझाव हो तो.....

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