नव वर्ष संवत 2072

आने वाली चैत्रीय वर्ष प्रतिपदा हेतु स्वरचित :-

बीत गया जो,बीत गया !
रात गई,बात गई !
बहुत कुछ अनचाहा हो गया...
बहुत कुछ अनकिया रह गया ! चलो फिर से एक नई शुरूआत करें !
आने वाला है नव वर्ष उसका उत्सव मानाने का सङ्कल्प करें!
जो पिछड़ गए उनको साथ लाये!
जो भुला दिए उनको याद करें! नव जीवन नव प्रभात का कुछ यूँ हम स्वागत करें!
हर आँख का सपना हो पूरा ऐसा कुछ इतिहास रचें!
           (मनमोहन पुरोहित)

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