न्याय की देवी नही देवता यमराज


पिछले लंबे समय से भारतीय न्याय व्यवस्था के मार्ग से हमारी हिन्दू संस्कृति परम्परा, मान्यता, रीति रिवाज, त्योहार, उत्सव सब क्षेत्रों में उसे लक्षित कर मिटाने का कुचक्र चल रहा है। कभी विचार किया आपने?? क्यों हो रहा है??
जानिए

भारतीय संस्कृति व धर्मशास्त्रों समेत न्याय के सभी संदर्भो में हजारों सालों से न्याय की देवी नामक को चीज़ होती ही नहीं अपितु न्याय का देवता ही होता है!

Lustitia, Justitia अथवा Lady_Justice या Goddess_of_Justice तो ग्रीक और रोमन सभ्यता की निशानी है जो हमारे यहाँ यूरोपीय व ब्रिटिश लुटेरे ले कर आये थे। भारतीय संस्कृति के अनुसार व हिंदू / सनातनी / वैदिक धर्मशास्त्रों के अनुसार भारत में न्याय के प्रमुख देवता "यमदेव / यमराज" हैं और न्याय के रक्षक ग्रहदेव "शनिदेव" हैं।

अत: हम सब हिंदुओं को मिलजुलकर भारत में इस न्याय की देवी के विदेशी धार्मिक विचार का भी पुरजोर विरोध करना चाहिए।  किस कारण हम पर कानून व न्याय के लबादे में ईसाईयत थोपी जा रही है? जबकि भारत में यमदेव/यमराज ही न्याय के देवता हैं। हजारों सालों से अब तक वो न्याय रक्षक ग्रह शनिदेव सहित।

जबरदस्ती आम हिंदुओं पर न्याय तक के सानिध्य में थोपी जा रही इस ईसाईयत से लबालब मिश्रित विदेशी धार्मिक प्रथा का विरोध करना ही चाहिए क्योंकि इंडिया दैट इज भारत तो समाजवादी सेक्यूलर देश है ना ...???

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