आधारहीन इतिहास


कांग्रेस शासन में 70 वर्षों से भारतीय इतिहास को कलंकित करने का भरसक प्रयास किया गया है! NCERT की 12वीं के इतिहास की किताब इंडियन हिस्ट्री पार्ट-टू के पेज 234 में लिखा गया है कि युद्ध के दौरान मंदिरों को ढहा दिया गया था बाद में शाहजहां और औरंगजेब ने इन मंदिरों की मरम्मत के लिए ग्रांट जारी किया था!मैकालेपंथी,वामपंथी इतिहासकारों ने कक्षा 12वीं की इतिहास की किताब में अत्याचारी एवं धर्मांध औरंगजेब को सेक्युलर बताया है! इन झूठे तथ्यों के पक्ष में आरटीआई द्वारा प्रमाण मांगने पर बताया गया कि "विभाग के पास इनके पक्ष में कोई साक्ष्य नहीं है!" इतिहास में वीरता,शौर्य,त्याग, पराक्रम और वचन बद्धता के लिए ख्यात हिंदवा सूर्य महाराणा प्रताप को भी कांग्रेस शासन ने कमतर आंकने का हरसंभव प्रयास किया! विगत वर्षों में राष्ट्रीय मानबिंदुओं को कलंकित करने के कांग्रेस के प्रयासों के विरुद्ध भारतीय समाज में चेतना जाग्रत हुई है, परिणामस्वरूप इतिहास में हल्दीघाटी युद्ध में पढा़ए जा रहे गलत तथ्यों "महाराणा प्रताप की सेना को पीछे हटना पड़ा था।" हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून,1576 को मेवाड़ के हिंदु शासक महाराणा प्रताप और आततायी मुगल बादशाह अकबर के बीच लड़ा गया था। मारवाड़ अंचल के लोकगीत, लोकोक्तियों  में हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की विजय का यशगान जन जन की वाणी में वर्षों से गुंज रहा है, फिर भी कांग्रेस पोषित इतिहास कारों द्वारा इसे अकबर की जीत बताकर पुस्तकों में पढ़ाया जा रहा है! 
केंद्र में राष्ट्रवादी विचारों की सरकार आने के बाद कई राष्ट्रवादी नेताओं व हिंदु संगठनों ने हल्टी घाटी स्मारक से इस गलत तथ्य को हटाने की मांग की थी। राजसमंद की सांसद दीया कुमारी ने भी जन भावनाओं का सम्मान करते हुए 25 जून को केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री से इसमें सुधार करने की मांग की थी। इसके बाद संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा एएसआई को सप्रमाण इसमें सुधार करने का निर्देश दिया गया! जिसकी अनुपालना में एएसआई के जोधपुर सर्कल के सुपरिंटेंडेंट बिपिन चंद्र नेगी ने कहा कि एएसआई द्वारा सही जानकारी का सत्यापन करवाने के बाद स्मारक पर लगे पत्थर को हटाने का निर्णय लिया है।
आजादी के आंदोलन में भी सर्वस्व बलिदान करने वाले असंख्य क्रांतिकारियों को भी इतिहास की पुस्तकों से वंचित रखा गया है!इतिहास में उन्हें भी सम्मान जनक/यथेष्ट स्थान मिले, इसके लिए भी जागृत समाज को शासन से मांग करनी चाहिए! 

-गंगा सिंह राजपुरोहित
 बीकानेर!

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