🕊️ अहमदाबाद विमान दुर्घटना : जब सपनों का सफर राख में बदल गया लेखक: मनमोहन पुरोहित तिथि: 13 जून 2025 ✈️ कर्णावती की दोपहर जब चुप हो गई 12 जून 2025 , दोपहर 13:40 बजे। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 , एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर , जब सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, तभी नियति ने अपना क्रूर प्रहार किया। प्लेन कर्णावती के मेघाणी नगर इलाके में स्थित BJ मेडिकल कॉलेज के अतुल्य हॉस्टल के पीछे , सिविल अस्पताल के निकट क्रैश हो गया। 🔥 मौत की विभीषिका: तबाही की सूची यात्रियों की संख्या: 242 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 केनेडियन, 12 क्रू मृत्यु: लगभग 300 घायल: 60+ 📍 नुकसान का ब्यौरा: अतुल्य हॉस्टल पूरी तरह जर्जर सैकड़ों वाहन जलकर राख पोस्टमार्टम हॉल क्षमता से अधिक शवों से भर गया सिविल अस्पताल के तीन केंद्रों में काम जारी: ट्रॉमा सेंटर पोस्टमार्टम यूनिट ओल्ड ट्रॉमा यूनिट 🧑🤝🧑 जब मानवता ने संभाला मोर्चा: स्वयंसेवकों की सेवा जब हर तरफ च...
संगम के जल पर भ्रम और वैज्ञानिक सच्चाई केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संगम के जल की गुणवत्ता पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को सौंपी गई रिपोर्ट को आधार बनाकर कुछ संस्थानों और विपक्ष ने जनता में भ्रम फैलाने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की गई, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में स्पष्ट रूप से कहा कि संगम का जल आचमन करने योग्य है। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 57 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं और किसी ने भी जलजनित बीमारियों से ग्रस्त होने की शिकायत नहीं की है। वैज्ञानिक प्रमाण और जल की शुद्धता भारत के शीर्ष वैज्ञानिक और दिवंगत मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सहयोगी वैज्ञानिक डॉ. अजय कुमार सोनकर ने भ्रम फैलाने वालों को चुनौती दी है कि कोई भी विशेषज्ञ आकर हमारे सामने प्रयोगशाला में संगम जल की जांच करवा सकता है। उनके अनुसार, संगम का जल अल्कलाइन जल की तरह शुद्ध पाया गया है। उन्होंने स्वयं संगम नोज, अरैल सहित विभिन्न घाटों से जल के नमूने एकत्र कर सूक्ष्म परीक्षण किया और निष्कर्ष निकाला कि: जल म...
आत्मनिर्भर भारत: स्वदेशी संकल्प और वैश्विक चुनौतियों का जवाब "देश उठेगा अपने पैरों निज गौरव के भान से। स्नेह भरा विश्वास जगाकर जीयें सुख सम्मान से।।" — नंदलाल 'बाबा जी' भारत आज जिस मोड़ पर खड़ा है, वहाँ चुनौतियाँ भी हैं और अवसर भी। ट्रंप प्रशासन के 60% आयात शुल्क और H1B1 वीज़ा प्रतिबंधों जैसी वैश्विक परिस्थितियों ने भारत को झकझोरा, लेकिन यह झटका भारत के लिए आत्मविश्वास की नई यात्रा की शुरुआत बना। ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान और इसके सहायक मिशन—मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI)—ने इन चुनौतियों को अवसर में बदल दिया। यह कहानी केवल योजनाओं और आंकड़ों की नहीं, बल्कि उस स्वदेशी गौरव की है, जो हमें अपने पैरों पर खड़ा होना और आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ना सिखाती है। स्वदेशी गौरव की नींव बाबा जी के इसी गीत की पंक्ति कितनी सत्य है। “परावलम्बी देश जगत में, कभी न यश पा सकता है” यह आत्मनिर्भर भारत का सार है। 2020 में कोविड संकट के बीच इस अभियान की शुरुआत हुई और इसका लक्ष्य आर्थिक, तकनीकी और स...
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