चाईनीज़ कोरोनावायरस: कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के 18 वैज्ञानिकों ने लिखा पत्र, WHO से चीन को मिले क्लीन चिट पर जताया संदेह



जिस तरह से पूरी दुनिया यह जान चुकी है कि चाईनीज़ कोरोनावायरस की उत्पत्ति चीन से हुई है और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने लगातार लापरवाही बरतते हुए या जानबूझकर पूरे विश्व में वायरस को फैलाने की नियत से इसकी जानकारियों को छुपाए रखा और वर्तमान में भी वायरस से संबंधित किसी भी जानकारी को सार्वजनिक नहीं कर रहा है।

इसके अलावा जिस तरह से कई अहम दस्तावेज और सबूत सामने आए हैं कि चीन कैसे जैविक हथियार बनाने का प्रयास कर रहा था और हथियार का उपयोग करने की साजिश रच रहा था। इन दस्तावेजों और रिपोर्ट के सामने आने के बाद यह बात भी कही जा रही है कि चाईनीज़ कोरोनावायरस कोई प्राकृतिक वायरस नहीं बल्कि चीन का एक जैविक हथियार है।

इसकी उत्पत्ति को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन अर्थात डब्ल्यूएचओ ने चीन में जांच करने के बाद चीनी कम्युनिस्ट सरकार को पूरी तरह से क्लीनचिट दे दिया है। लेकिन इस मामले को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिकों की राय बिल्कुल अलग है।

दुनिया भर के वैज्ञानिक इस बात का खंडन करने से इनकार करते हैं कि यह चाईनीज़ वायरस वुहान की जैविक प्रयोगशाला से नहीं निकला है। कई ऐसे तथ्य भी सामने आ चुके हैं जिसमें यह दावा किया गया है कि यह वायरस चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के द्वारा चलाए जा रहे हैं वुहान शहर के वायरोलॉजी लैब से निकला है।


इन्हीं आशंकाओं के चलते ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के 18 वैज्ञानिकों ने कहा है कि जब तक डाटा के आधार पर जबरदस्त रिसर्च के जरिए चीन की सच्चाई सबके सामने नहीं आ जाती यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह वायरस वुहान शहर के लैब से नहीं निकला है।

इन 18 वैज्ञानिकों की टीम में भारतीय मूल के डॉ रविंद्र गुप्ता भी शामिल है। रविंद्र गुप्ता क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी हैं।

इन विशेषज्ञों ने कोरोनावायरस की उत्पत्ति के लिए दो थ्योरी दी है। पहली थ्योरी के अनुसार यह चाईनीज़ वायरस चीनी कम्युनिस्ट सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं प्रयोगशाला से निकला है और पूरी दुनिया पर कहर बरपा ने लगा। वहीं दूसरी चोरी के अनुसार यह वायरस किसी जानवर या परिंदे के जरिए मनुष्य के शरीर तक आ पहुंचा।

इन वैज्ञानिकों के समूह ने यह सभी बातें प्रसिद्ध जरनल साइंस को लिखे पत्र में कही है।

इस पत्र में यह भी कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा की गई पड़ताल में इस थ्योरी पर संतुलित ढंग से विचार नहीं किया गया था। यह भी हो सकता है कि किसी हादसे की वजह से यह वायरस लैब से निकला हो लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस पर कोई गहन अध्ययन नहीं किया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीनी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर लिखी अपनी जांच रिपोर्ट में वायरस लैब लीक होने की थ्योरी को लगभग इंकार ही कर दिया।

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