नया साल, नई उम्मीदें और पुराने सबक: सावधानी ही सुरक्षा है
नया साल, नई उम्मीदें और पुराने सबक: सावधानी ही सुरक्षा है।
मनमोहन पुरोहित
(मनुमहाराज)
चित्र साभार गूगल
साल का आखिरी हफ्ता शुरू हो चुका है, और पूरा देश नए साल के स्वागत के लिए तैयार है। हर कोई अपने तरीके से इस उत्सव को खास बनाने की कोशिश में जुटा है। नदियों, झीलों, समुद्र के किनारे और पहाड़ों के पर्यटन स्थलों की बुकिंग लगभग फुल हो चुकी है। बड़े शहरों के बार, होटल और रेस्टोरेंट सज-धजकर मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार हैं। लेकिन इस उमंग और उत्साह के बीच, यह याद रखना बेहद जरूरी है कि हर साल यह जश्न कई परिवारों के लिए जीवनभर का दुख बन जाता है।
पिछले साल, सौ से अधिक युवाओं ने अपने घर लौटने की उम्मीद के साथ पार्टी की थी, लेकिन वे कभी वापस नहीं आए। कुछ सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हुए, तो कुछ नशे में हुए झगड़ों में अपनी जान गंवा बैठे। इससे भी अधिक भयावह थे बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले, जिन्होंने बेटियों की अस्मिता और उनके परिवारों की खुशियों को छीन लिया।
चित्र साभार गूगलउत्सव की खुशी, लेकिन जिम्मेदारी के साथ
नए साल का स्वागत एक पवित्र और सुखद अनुभव हो सकता है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदारी और समझदारी बेहद जरूरी है। यह उत्सव आधी रात को शराब, तेज संगीत और दोस्तों के साथ मनाया जाता है। इसमें कई बार नशे का अतिरेक और विवेक की कमी खतरनाक घटनाओं का कारण बन जाती है।
पिछले साल की कड़वी सच्चाई
पिछले साल, 2023 और 2024 के बीच नववर्ष की रात को देशभर में कई गंभीर घटनाएँ हुईं। दिल्ली में मात्र चार घंटे (रात्रि 10 बजे से सुबह 2:30 बजे तक) में 32 बड़े अपराध हुए। इनमें 4 हत्याएँ, 12 बलात्कार और कई अन्य गंभीर अपराध शामिल थे। यह केवल एक शहर की बात है। अगर पूरे देश की बात करें, तो नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, उस रात 104 मौतें दर्ज हुईं।
चित्र साभार गूगलउत्तराखंड के पर्यटन स्थलों पर भी हालात गंभीर थे। देहरादून, नैनीताल, और मसूरी जैसे स्थानों पर 6 लोगों की मौत हुई और 75 लोग घायल हुए। शराब के नशे में हुए झगड़ों के कारण अकेले देहरादून में 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया। झारखंड, छत्तीसगढ़, और अन्य राज्यों में सड़क दुर्घटनाओं और झगड़ों के कारण दर्जनों लोग अपनी जान गंवा बैठे।
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अंजलि जैसी घटनाएँ न हों, इसके लिए सतर्कता जरूरी है
दिल्ली में 2022 की सर्द रात में अंजलि नामक लड़की को एक तेज रफ्तार कार ने 14 किलोमीटर तक घसीटा था। यह घटना पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाली थी। उसके शरीर की हड्डियाँ घिस चुकी थीं, और वह पहचान के लायक भी नहीं बची थी। यह घटना इसलिए सबकी यादों में है, क्योंकि मीडिया ने इसे प्रमुखता दी। लेकिन हर साल ऐसी कई घटनाएँ घटती हैं, जो खबरों से बाहर रह जाती हैं।
चित्र साभार गूगलखतरे क्यों बढ़ते जा रहे हैं?
नववर्ष की पार्टियों में अक्सर युवा दोस्तों के साथ शामिल होते हैं। इनमें से कई घर से दूर रहकर पढ़ाई या नौकरी करते हैं। शराब और नशे के साथ आधी रात को मनाए जाने वाले उत्सव में विवेक और नियंत्रण की कमी दुर्घटनाओं और अपराधों को जन्म देती है।
सड़क दुर्घटनाएँ अक्सर तेज रफ्तार और शराब के नशे के कारण होती हैं। झगड़े, छेड़छाड़, और यौन हिंसा जैसे अपराध भी नशे के प्रभाव में बढ़ जाते हैं।
कैसे बचा जा सकता है?
नए साल का जश्न मनाने के लिए तैयार हो रहे युवाओं और उनके परिवारों के लिए यह जरूरी है कि वे सतर्कता और सावधानी बरतें। कुछ सुझाव:
- सही जगह का चयन करें: पार्टी के लिए सुरक्षित स्थान चुनें। ऐसे दोस्तों के साथ रहें, जिन पर आप भरोसा करते हैं।
- शराब से दूरी बनाएँ: अगर आप शराब का सेवन करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप वाहन न चलाएँ।
- योजना बनाकर चलें: अपनी यात्रा और पार्टी की योजना पहले से बनाएँ।
- परिवार को जानकारी दें: अपने परिजनों को बताएं कि आप कहाँ जा रहे हैं और कब वापस आएँगे।
- गंभीरता से सोचें: अपने साथियों के व्यवहार और पार्टी के माहौल का आकलन करें। अगर कुछ गलत लगे, तो तुरंत वहाँ से निकल जाएँ।
सावधानी ही सुरक्षा है
यह सच है कि हर किसी के साथ दुर्घटना नहीं होती। अधिकांश लोग खुशी-खुशी लौट आते हैं और अपने अनुभवों को साझा करते हैं। लेकिन जिनके साथ अनहोनी होती है, उनके परिवार कभी उस दर्द से उबर नहीं पाते।
चित्र साभार गूगलनववर्ष का उत्सव नई शुरुआत का प्रतीक है। इसे जिम्मेदारी और समझदारी के साथ मनाएँ। एक छोटी सी चूक जीवनभर का पछतावा बन सकती है। इसलिए याद रखें, "सावधानी हटी, दुर्घटना घटी।"
नए साल की शुरुआत आपके और आपके परिवार के लिए खुशियाँ और सफलता लेकर आए, यह तभी संभव है जब आप अपने और अपनों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अप्राकृतिक और असांस्कृतिक नववर्ष मनाया ही क्यों जाए। अपने संस्कारो के अनुरूप प्राकृतिक नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को रहता है। उसे भारतीय स्वरूप में मनाया जाए। उसे मनाने का तरीका नववर्ष से कुछ समय पहले आलेख लिखकर आप सबके समक्ष प्रस्तुत होऊंगा।
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