स्वदेशी भारत के आत्मसम्मान का जागरण

 स्वदेशी भारत के आत्मसम्मान का जागरण

प्रधानमंत्री मोदी के काशी आह्वान से राष्ट्रहित की पुकार

आओ संकल्प लें घर में जो भी नया आए वह स्वदेशी हो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी अगस्त दो हजार पच्चीस

काशी की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से जो आह्वान किया वह केवल एक आर्थिक सुझाव नहीं बल्कि भारत की आत्मा को जगाने वाला राष्ट्रमंत्र है मोदी जी ने स्पष्ट कहा कि हम संकल्प लें कि हमारे घर में जो कुछ भी नया सामान आएगा वह स्वदेशी ही होगा और यह जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं हर नागरिक की भी है

यह वक्तव्य सिर्फ बाजार का नहीं यह भारत के स्वत्व का उद्घोष है यह पुकार है आत्मनिर्भरता के उस संकल्प की जो हमारे राष्ट्रनिर्माण की आधारशिला है।

स्वदेशी कोई विकल्प नहीं यह भारत का संस्कार है

स्वदेशी केवल भारत में बना हुआ उत्पाद नहीं है यह एक विचार है एक दृष्टि है एक संस्कार है जब हम खादी पहनते हैं जब हम हाथ से बनी वस्तुएं खरीदते हैं जब हम भारतीय ऐप और तकनीक का उपयोग करते हैं तो हम न केवल देश की अर्थव्यवस्था को बल्कि अपनी संस्कृति को भी सशक्त बना रहे होते हैं

मोदी जी का यह आह्वान केवल सरकारी नीति नहीं बल्कि हर नागरिक के लिए जीवनशैली में बदलाव का संदेश है स्वदेशी को केवल चुनाव नहीं बल्कि स्वाभिमान का हिस्सा बनाना होगा

वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका

दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अब अपने हितों को सर्वोपरि मान रही हैं अमेरिका द्वारा भारत से निर्यातित उत्पादों पर पच्चीस प्रतिशत शुल्क लगाया गया है चीन के साथ व्यापारिक असंतुलन बना हुआ है ऐसे समय में भारत को अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानना ही होगा

भारत अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है लेकिन यह उपलब्धि तभी सार्थक होगी जब देश का किसान कारीगर लघु उद्योग और युवा भी इसका लाभ उठा सकें

एक जागरूक नागरिक के रूप में हमारी भूमिका

प्रत्येक भारतीय को अपने निर्णयों में स्वदेशी को प्राथमिकता देनी होगी
पहला खरीदने से पहले सोचें क्या इसका भारत में बना विकल्प उपलब्ध है
दूसरा विदेशी ब्रांड की चकाचौंध के बजाय स्थानीय गुणवत्ता पर विश्वास करें
तीसरा बच्चों को भी स्वदेशी का मूल्य समझाएं
चौथा गांव गांव में व्यापारियों को शपथ दिलवाएं कि वे केवल स्वदेशी उत्पाद ही बेचें

यह केवल डिमांड नहीं बल्कि दिशा तय करने का वक्त है यदि हम मांग करेंगे तो निर्माता भी प्रेरित होंगे

नीति और शासन स्तर पर अपेक्षित कार्य

भारत में निर्माण क्षेत्र को मजबूती देने के लिए सरकार को
पहला असंगठित क्षेत्रों को संगठित करना होगा
दूसरा कारीगरों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता देनी होगी
तीसरा भारतीय तकनीक आधारित स्टार्टअप्स को प्राथमिकता देनी होगी
चौथा सरकारी खरीद में स्वदेशी उत्पादों को वरीयता देनी होगी

स्वत्व जागरण ही स्वदेशी की आत्मा है

स्वत्व का अर्थ है अपनी दृष्टि से जीना अपनी पहचान को अपनाना और अपनी जड़ों से जुड़े रहना आज आवश्यकता है कि हम उपभोक्ता नहीं निर्माता और संरक्षक की भूमिका निभाएं स्वदेशी केवल देश में बना उत्पाद नहीं बल्कि देश के लिए बना उत्पाद होना चाहिए

यह भाव जब जनमानस में जागेगा तभी सच्चे अर्थों में आत्मनिर्भर भारत की कल्पना साकार होगी

प्रधानमंत्री का आह्वान केवल नारा नहीं एक राष्ट्रीय अभियान है

प्रधानमंत्री मोदी जब स्वदेशी की बात करते हैं तो वह केवल सरकार की योजना नहीं होती वह एक राष्ट्रीय आंदोलन का प्रारंभ होता है

गांधीनगर से लेकर काशी तक बार बार वे यह बात दोहराते हैं कि विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी को अपनाना राष्ट्रनिर्माण का कार्य है

उनका यह कथन कि गांव गांव के व्यापारियों को शपथ दिलानी होगी कि वे विदेशी वस्तु नहीं बेचेंगे अपने आप में स्वदेशी आंदोलन का नया प्रारूप है



यह लड़ाई स्वदेशी बनाम विदेशी की नहीं बल्कि स्वदेश बनाम आत्मविस्मृति की है

हमें अपने भीतर के उपनिवेश से मुक्त होना है और इसके लिए स्वदेशी अपनाना राष्ट्रधर्म बन चुका है

अब समय है कि हम विचार करें निर्णय लें और स्वदेशी के साथ खड़े हों यही आत्मनिर्भर भारत की ओर पहला और निर्णायक कदम होगा

आइए हम सब स्वदेशी भारत के सिपाही बनें

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लेखक
मनमोहन पुरोहित
प्रधानाचार्य
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बावड़ी कल्ला
फलौदी जोधपुर राजस्थान

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