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पारले कंपनी का महत्वपूर्ण फैसला


खतरनाक कंटेंट प्रसारित करने वाले चैनल्स को नहीं देंगे विज्ञापन।

यह स्वगत योग्य है।

इंडियन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने ट्वीट के जरिए दी जानकारी।



बीते कुछ दिनों में न्यूज चैनल के बीच मची टीआरपी की होड़ और सनसनीखेज खबरें पेश करने के चक्कर में ऐसे कंटेंट दिखाए जा रहे हैं, जो बेहद खतरनाक हैं। इस बात को गंभीरता से लेते हुए पारले कंपनी ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। कंपनी अब ऐसे न्यूज चैनल पर विज्ञापन नहीं देगी, जो समाज में खबर के नाम पर नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। किसी कम्पनी का यह पहला फैसला है। इसका खुलकर भरपूर समर्थन किया जाना चाहिए।

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पारलेजी ट्रेंड कर रहा है। कंपनी के इस फैसले की सभी तारीफ कर रहे हैं।

इंडियन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने एक ट्वीट करते हुए कंपनी के फैसले की जानकारी दी है। पारले के इस फैसले को एक सकारात्मक कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है। यह खबर सोशल मीडिया के आधार पर लिखी गई है। इसी तरह राष्ट्रभाव का जगरण धीरे धीरे ही सही लेकिन हो रहा है। यह एक सकारात्मक कदम है। इसकी प्रशंसा होनी ही चाहिए।


ट्वीट के अनुसार, पारले प्रोडक्ट्स ने जहरीली आक्रामक सामग्री प्रसारित करने वाले समाचार चैनलों पर विज्ञापन नहीं देने का फैसला किया है। ये चैनल उस प्रकार के नहीं हैं जिसमें प्रचार के लिए कंपनी पैसा लगाना चाहती है। इस मुहीम में बजाज और पारले कंपनी सामने आई है। हमारा मानना है कि इस विचार से और कंपनियों को भी जुड़ना चाहिए।


टीआरपी को लेकर न्यूज चैनलों में मची है होड़

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बीते दिनों देखा गया कि कैसे न्यूज चैनल्स में टीआरपी को लेकर होड़ मची हुई है। खुद को नंबर वन साबित करने के लिए चैनल्स ऐसे कंटेंट पेश कर रहे हैं, जो सामाज के लिए बेहद खतरनाक हैं। बता दें एक सनसनीखेज रहस्योद्घाटन में मुंबई पुलिस ने दावा किया कि कम से कम तीन टीवी चैनलों की ओर से टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट) डेटा में हेरफेर करने का पदार्फाश किया गया है। इस मामले में शामिल दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने इस मामले की जानकारी दी थी।

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