भारतीय उद्योग और वैश्विक षड्यंत्र: एक विश्लेषण



भारत के शीर्ष उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ पिछले पांच वर्षों से लगातार दुष्प्रचार किया जा रहा है। अमेरिकी चीन-विरोधी लॉबी के इशारे पर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी क्रम में, जार्ज सोरोस की कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के शेयर बाजार को गिराने के लिए बेबुनियाद आरोप लगाए, जिससे खुद मुनाफा कमाने की कोशिश की गई।

षड्यंत्र और अमेरिकी न्याय प्रणाली का दुरुपयोग
योजनाबद्ध तरीके से अमेरिका की निचली अदालत में अडानी के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया।
गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया।
लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत और भारतीयों की प्रतिष्ठा से जोड़कर अमेरिका के राष्ट्रपति पर दबाव बनाया।
परिणामस्वरूप, हिंडनबर्ग को अपना कारोबार बंद करना पड़ा और अडानी के खिलाफ वारंट जारी करने वाले अमेरिकी जज ने इस्तीफा दे दिया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस कानून को ही रद्द कर दिया, जो अमेरिका में किसी विदेशी नागरिक पर मुकदमा चलाने की अनुमति देता था।
भारत में राष्ट्रवाद की मजबूती
भारत-विरोधी डीप स्टेट का प्रभाव विपक्ष के सहयोग के बावजूद कम हो रहा है।
भारतीय समाज राजनीतिक रूप से परिपक्व हो रहा है और जातीय पहचान से ऊपर उठकर राष्ट्रीय पहचान (हिंदू हम सब एक हैं) को अपना रहा है।
"बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे" का नारा समाज में गहरी पैठ बना रहा है, जो सेकुलर विचारधारा के लिए असहनीय स्थिति बन गई है।
अमेरिका में सनातन की स्वीकृति
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की पत्नी उषा भारतीय मूल की हैं।
एफबीआई निदेशक के पद पर कश्यप पटेल और राष्ट्रीय खुफिया तंत्र के प्रमुख के रूप में तुलसी गेबार्ड को नामित किया गया है।
ये तीनों ही सनातन जीवनशैली अपनाने वाले हिंदू हैं और गर्व से अपनी हिंदू पहचान स्वीकार कर रहे हैं।
अमेरिका में इसे सहज रूप से स्वीकार किया जा रहा है, लेकिन भारत की विकृत सेकुलर बिरादरी इसे सहन नहीं कर पा रही है।
महाकुंभ का संदेश और सनातन की मजबूती
महाकुंभ 2025 का स्पष्ट संदेश है कि सनातन संस्कृति और परंपराओं को कमजोर करने वाले तत्व स्वयं नष्ट हो जाएंगे।
पूजा-पाठ और सनातन धर्म में आस्था रखने वाले हिंदू, सेकुलर वर्ग की क्रोधाग्नि को और बढ़ा रहे हैं। यह स्थिति स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि भारतीय समाज अपने मूल सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों की ओर लौट रहा है।

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