महाकुंभ और सनातन जागरण: विपक्षी दलों की बढ़ती धड़कने
महाकुंभ भारतीय संस्कृति का एक महान आध्यात्मिक पर्व है, जो न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सनातन धर्म की आस्था और परंपराओं का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा इस महापर्व के लिए की गई उत्कृष्ट व्यवस्थाओं ने हिंदू समाज में जागृति की एक नई लहर उत्पन्न की है। यह जागरण उन राजनीतिक दलों के लिए संकट बन गया है, जिनकी राजनीति हिंदू समाज की एकता को विघटित करने पर टिकी हुई है। यही कारण है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे दल महाकुंभ को बदनाम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
महाकुंभ को बदनाम करने की विपक्षी रणनीति
खड़गे का झूठा बयान:
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में मौनी अमावस्या के दिन हजारों लोगों की मौत की झूठी श्रद्धांजलि देकर महाकुंभ को बदनाम करने का प्रयास किया। यह बयान न केवल असत्य था, बल्कि कांग्रेस की सुनियोजित रणनीति का हिस्सा था, जिसमें खड़गे को सोनिया गांधी के दबाव में हिंदू समाज के खिलाफ बयान देने के लिए प्रेरित किया गया।जया बच्चन का दुष्प्रचार:
सपा की राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने प्रयागराज महाकुंभ के जल को सबसे दूषित बताते हुए कहा कि हजारों मृतकों की लाशों को गंगा में बहा दिया गया, जिससे पानी अशुद्ध हो गया। यह सरासर झूठी और सनातन विरोधी मानसिकता से प्रेरित टिप्पणी थी, जिसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को हतोत्साहित करना और महाकुंभ की गरिमा को धूमिल करना था।वामपंथी मीडिया और सेक्युलर राजनीति का षड्यंत्र:
13 से 28 जनवरी तक महाकुंभ में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न होने से वामपंथी मीडिया और तथाकथित सेक्युलर दल निराश थे। लेकिन जैसे ही 29 जनवरी को भगदड़ की घटना हुई, उन्होंने इसे महाकुंभ के खिलाफ दुष्प्रचार का माध्यम बना लिया।।
सनातन जागरण का अविरत प्रवाह
महाकुंभ में तीसरे और अंतिम अमृत स्नान (बसंत पंचमी) के दिन तीस से अधिक देशों से आए दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने यह सिद्ध कर दिया कि सनातन धर्म का जागरण रुकने वाला नहीं है। इस भव्य आयोजन ने पूरे विश्व में सनातन संस्कृति और हिंदू समाज की एकजुटता का संदेश दिया।
ज्योतिषाचार्य एच.के. शुक्ला के अनुसार, यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुका है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने भी इस महाकुंभ को हिंदू जागरण का महोत्सव बताया, जो सनातन संस्कृति की निरंतरता को सुनिश्चित करता है।
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में हिंदू समाज की बढ़ती एकता और जागरूकता से घबराए विपक्षी दल इसे बदनाम करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सनातन धर्म की जड़ें इतनी गहरी और सुदृढ़ हैं कि किसी भी षड्यंत्र या झूठे दुष्प्रचार से इसे कमजोर नहीं किया जा सकता। महाकुंभ का यह महापर्व सिद्ध करता है कि भारत की आत्मा सनातन धर्म में बसती है और इसका जागरण राष्ट्र के पुनरुत्थान का प्रतीक बन रहा है।
कांग्रेस हमेशा से ही संत सनातन संस्कृति व धर्म के खिलाफ रही है जो हमारी संस्कृति व धर्म के खिलाफ होगा वह मिटेगा कोई भी नहीं रोक सकता है
जवाब देंहटाएंजय श्री राम